Sensex Closing Bell: शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 588.90 (0.73%) अंकों की गिरावट के साथ 79,212.53 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं दूसरी ओर, एनएसई निफ्टी 207.36 (0.86%) अंक टूटकर 24,039.35 पर पहुंच गया। आइए जानते हैं शेयर बाजार का हाल।
एक्सिस बैंक में बिकवाली और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाक सीमा पर बढ़ते तनाव के कारण शुक्रवार को शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट दिखी। शुरुआती बढ़त को गंवाते हुए 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 588.90 अंक या 0.74 प्रतिशत टूटकर 79,212.53 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 1,195.62 अंक या 1.49 प्रतिशत गिरकर 78,605.81 अंक पर आ गया। एनएसई निफ्टी में लगातार दूसरे दिन गिरावट रही और यह 207.35 अंक या 0.86 प्रतिशत गिरकर 24,039.35 अंक पर आ गया। इस दौरान रुपया डॉलर के मुकाबले 7 पैसे की गिरावट के साथ 85.40 के स्तर पर बंद हुआ।
दो दिनों में इक्विटी निवेशकों ने गंवाए 8.88 लाख करोड़ रुपये
विशेषज्ञों के अनुसार मंगलवार को पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव से जुड़ी चिंता ने बाजार की धारणा को प्रभावित किया। भारत-पाक सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच निवेशकों की धारणा सतर्क हो गई। बीते दो दिनों में इक्विटी निवेशकों को अपनी 8.88 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान उठाना पड़ा है। जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “मिड और स्मॉलकैप शेयरों को बिकवाली का खामियाजा भुगतना पड़ा। ऐसा उनके ऊंचे मूल्यांकन और कमाई के मौसम की धीमी शुरुआत के बाद संभावित कमाई में गिरावट को लेकर बढ़ती चिंताओं के कारण हुआ।”
एक्सिस बैंक के शेयरों में 3% से अधिक की गिरावट
सेंसेक्स के शेयरों में अदाणी पोर्ट्स, एक्सिस बैंक, इटरनल, बजाज फिनसर्व, पावर ग्रिड, मारुति, बजाज फाइनेंस, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और एनटीपीसी के शेयर सबसे ज्यादा पिछड़े। देश के तीसरे सबसे बड़े निजी क्षेत्र के ऋणदाता एक्सिस बैंक ने ऋण हानि प्रावधानों में तेज वृद्धि और 2024-25 की अंतिम तिमाही के लिए व्यापार आय में भारी गिरावट की सूचना दी। इसके बाद शेयरों में 3 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। मार्च तिमाही में बैंक का मुनाफा मामूली रूप से घटकर 7,117 करोड़ रुपये रह गया, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 7,130 करोड़ रुपये था। दूसरी ओर, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इंफोसिस, टेक महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट, इंडसइंड बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में मजबूती दिखी।
वित्त वर्ष 2026 में भारत की वृद्धि दर 6.5% रह सकती है: ईवाई
उधर, ईवाई ने शुक्रवार को कहा कि वैश्विक व्यापार तनाव बढ़ने के बावजूद, कच्चे तेल की कम कीमतों से मुद्रास्फीति का दबाव कम होने और घरेलू विकास को समर्थन मिलने की उम्मीद है। इससे चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। अप्रैल के लिए ‘ईवाई इकोनॉमी वॉच’ रिपोर्ट में चार प्रमुख परस्पर संबद्ध प्रभावों की पहचान की गई है, जिनका भारत की वृद्धि पर असर पड़ेगा। ये चार प्रभाव हैं- निर्यात में कमी, वैश्विक मंदी, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, और वैश्विक अतिरिक्त उत्पादन क्षमता का प्रभाव। ईवाई के अनुसार, भारत वित्त वर्ष 2026 में और मध्यम अवधि में भी लगभग 6.5 प्रतिशत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि को बनाए रख सकता है। इस दौरान सीपीआई मुद्रास्फीति (खुदरा महंगाई दर) 4 प्रतिशत से नीचे बनी रहेगी।
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