Waqf Amendment Act Supreme Court hearing LIVE: सुप्रीम कोर्ट को कानून की दो बातों पर शुरू से आपत्ति थी। पहली वक्फ के तहत रजिस्टर्ड प्रॉपर्टी (वक्फ बाय यूज) को डिनोटिफाइड करना और दूसरी वक्फ बिल या वक्फ काउंसिल में गैर-मुस्लिमों को शामिल करना। इन दोनों बिंदुओं पर कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी किया है।
एजेंसी, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन कानून से जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को दूसरे दिन भी सुनवाई हुई। सरकार को एक तरह से झटका लगा है, क्योंकि कानून से जुड़ी दो बातों पर अदालत ने रोक लगते हुए अंतरिम आदेश जारी कर दिया है।
सरकार अभी वक्फ बोर्ड या वक्फ काउंसिल में किसी तरह का फेरबदल नहीं कर सकेगी। कानून में सरकार ने गैर-मुस्लिमों को शामिल करने का प्रावधान रखा है। दूसरा बिंदु वक्फ के तहत रजिस्टर्ड प्रॉपर्टी (वक्फ बाय यूज) को डिनोटिफाइड करना था। इस पर भी सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाई है। सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल ने दो हफ्तों का समय मांगा था, जो अदालत ने प्रदान किया है। अगली सुनवाई 5 मई को होगी।
अब पांच याचिकाओं पर ही होगी सुनवाई
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस विषय में रोज याचिकाएं दायर हो रही हैं। अब सभी याचिकाओं पर पांच याचिकाओं में मिला लिया जाए। कोर्ट अब इन पांच याचिकाओं पर ही सुनवाई करेगा।
इससे पहले गुरुवार की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि लाखों लोगों की राय के बाद कानून तैयार हुआ है। इस पर अंतरिम रोक लगाना ठीक नहीं होगा। सरकार को एक हफ्ते का समय दिया जाए, तो हम बताएंगे कि कानून क्यों जरूरी है।
इस पर सीजेआई ने कहा कि हम आपकी पूरी बात सुनेंगे, लेकिन कानून में बहुत बड़े बदलाव किए गए हैं और हम चाहते हैं कि अभी पहले जैसी स्थिति बनी रहे।
सीजेआई ने कहा कि वक्फ काउंसिल या वक्फ बोर्ड में नई नियुक्ति न करने की बात कही, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया। कल कोर्ट ने भी आपत्ति ली थी कि वक्फ काउंसिल या वक्फ बोर्ड गैर-मुस्लिम की नियुक्ति क्यों की जा रही है।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे ये संकेत
बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि वह उपयोग के आधार पर वक्फ घोषित संपत्तियों (वक्फ बाई यूजर) को गैर अधिसूचित (डीनोटीफाई) नहीं किए जाने का अंतरिम आदेश जारी देने के बारे में सोच रहा है।
इसके अलावा कोर्ट ने केंद्रीय वक्फ परिषद व वक्फ बोर्डों में गैर मुस्लिमों को शामिल करने और वक्फ संपत्तियों के बारे में कलेक्टर की शक्तियों पर भी अंतरिम आदेश पारित करने की मंशा जताई थी।