Tariff War: टैरिफ वॉर पर लगी ब्रेक! अमेरिका-चीन के बीच जिनेवा में बनी सहमति

लगातार चार महीने से चल रहा अमेरिका और चीन के बीच का ट्रेड वॉर आखिरकार थमता नजर आ रहा है स्विट्जरलैंड के जिनेवा में पिछले वीकेंड हुई व्यापार वार्ता के बाद यह जानकारी सामने आई है जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जनवरी में अमेरिका में आने वाले चीन के सामान पर भारी टैरिफ लगाने के बाद व्यापार युद्ध की शुरुआत हो गई थी 4 महीने के इस ट्रेड वॉर के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली बैठक थी इस मीटिंग मे वाशिंगटन और बीजिंग दोनों ने रेसिप्रोकल टैरिफ को कम करने के लिए एक समझौते पर सहमति व्यक्त की है दोनों देश अलगे 90 दिनों के लिए एक-दूसरे पर लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ को 115% तक कम करेंगे चूंकि अमेरिका ने अब तक चीन से आने वाले सामानों पर 145% का टैरिफ लगा रखा था वो अब 90 दिनों के लिए कम होकर 30% ही रह जाएगा वहीं चीन ने अमेरिकी सामानों पर 125% का टैरिफ लगा रखा था जो कम होकर केवल 10% पर आ जाएगा

क्या बोले अमेरिकी और चीनी अधिकारी

अमेरिका के ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने जिनेवा वार्ता के बाद कहा हमने चीन के साथ 90 दिनों के लिए टैरिफ रोकने और आपसी शुल्क में कटौती करने पर सहमति जताई है हमारा मकसद अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करना और चीन के बाजार को अमेरिकी वस्तुओं के लिए और ज्यादा ओपन बनाना है रेसिप्रोकल टैरिफ में 115 प्रतिशत की कमी आएगी यह डील अमेरिका के 1.2 ट्रिलियन डॉलर के ट्रेड डेफिसिट को कम करने में मदद करेगी बेसेंट ने कहा हम चीन के बाजार को अमेरिकी वस्तुओं के लिए और अधिक खुला देखना चाहेंगे वहीं इस घोषणा के बाद चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि अमेरिका व्यापार चीन के साथ काम करना जारी रखेगा टैरिफ में कटौती दुनिया के सामान्य हित को देखते हुए की गई है

इस डील से दुनिया के शेयर बाजारों पर क्या असर

टैरिफ कटौती की खबर से दुनिया भर के शेयर बाजारों में जबरदस्त रिएक्शन देखने को मिला है टैरिफ में इस स्तर की बड़ी कटौती की खबर से शेयर बाजारों में तेजी आई हांगकांग के बेंचमार्क हैंग सेंग इंडेक्स ने टेरिफ कटोती की घोषणा होते ही ऊंची छलांग लगाई और दिन का अंत 3% की बढ़त के साथ हुआ वहीं डील के डिटेल्स सामने आने से पहले चीन का शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 0.8% बढ़कर बंद हुआ था कल इसमें तेजी देखी जा सकती है दूसरी तरफ यूरोपीय शेयर ऊंचे खुले और शुरुआती संकेत थे कि मुख्य अमेरिकी शेयर बाजार 2-3% तक की बढ़त के साथ खुले साथ ही भारतीय शेयर बाजार भी सोमवार को 3.5% के ऊपर के तेजी के साथ बंद होते हुए दिखे

क्या ये सिर्फ 90 दिनों की राहत है या स्थायी समझौता बनेगा

अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि ये 90 दिन का यह शांति काल क्या सिर्फ एक अस्थायी विराम है या फिर दोनों देश इस दौरान कोई स्थायी समझौता भी कर पाएंगे अगर ऐसा होता है तो यह न सिर्फ दोनों देशों के लिए बल्कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए एक नई शुरुआत होगी ।

Written by Sharad Shrivastava

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