शनि जयंती 2025: इन 4 फूलों से बदल सकती है किस्मत, साढ़ेसाती और पनौती से मिलेगा छुटकारा!

27 मई 2025 को शनि जयंती मनाई जाएगी, जो ज्येष्ठ अमावस्या के दिन पड़ रही है शनि देव को न्याय और कर्म का देवता माना जाता है, जो इंसान को उसके अच्छे-बुरे कर्मों का फल देते हैं अगर आप भी शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या पनौती से परेशान हैं तो इस विशेष दिन पर कुछ खास फूल अर्पित कर उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

शास्त्रों के अनुसार ये 4 फूल शनिदेव को विशेष प्रिय हैं

1. आक का फूल
आक का फूल शनिदेव को बहुत प्रिय है मान्यता है कि इस फूल को शनि जयंती के दिन अर्पित करने से साढ़ेसाती और ढैय्या जैसे दोषों से मुक्ति मिलती है यह फूल शनि देव को प्रसन्न कर भाग्य के द्वार खोल सकता है।

2. गुड़हल का फूल
लाल रंग का गुड़हल शनिदेव के साथ-साथ माता काली को भी प्रिय है शनिदेव को यह फूल अर्पित करने से शनि दोष कम होता है और जीवन में स्थिरता आती है शनिवार के दिन या शनि जयंती पर गुड़हल चढ़ाना विशेष फलदायी होता है।

3. अपराजिता का फूल
अपराजिता का नीला फूल शनिदेव के गहरे रंग और गंभीर स्वभाव को दर्शाता है यदि कोई भक्त शनि जयंती पर 5, 7 या 11 अपराजिता फूल अर्पित करता है तो शनिदेव प्रसन्न होकर कष्टों का नाश करते हैं और जीवन में उन्नति का मार्ग प्रशस्त करते हैं।

4. नीले कमल का फूल
नीला कमल बहुत दुर्लभ है लेकिन अत्यंत शक्तिशाली यदि यह उपलब्ध हो, तो इसे शनिदेव को अर्पित करने से शनि से संबंधित सभी दोष समाप्त होते हैं और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

उपाय करने का शुभ समय
शनि जयंती के दिन सूर्योदय से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें शनिदेव के चित्र या प्रतिमा के समक्ष तेल का दीपक जलाएं और इन फूलों को अर्पित कर “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।

सावधानी:
यह उपाय करते वक्त इन बातों का ध्यान जरूर रखें कि फूल ताजे और कटे-फटे न हों काले वस्त्र पहनकर पूजा करना श्रेष्ठ माना गया है।

Written by Sharad Shrivastava

More From This Category

जब भगवान को भा गया कसाई का निश्छल भाव: जानिए जगन्नाथ जी और सदन कसाई की अद्भुत कथा

जब भगवान को भा गया कसाई का निश्छल भाव: जानिए जगन्नाथ जी और सदन कसाई की अद्भुत कथा

नई दिल्ली: ईश्वर केवल पूजा-पाठ से नहीं, भाव और भक्ति से प्रसन्न होते हैं। हिंदू धर्म में ऐसी अनेक कथाएं मिलती हैं जहां भगवान ने जाति, कर्म और सामाजिक स्थिति से परे जाकर अपने सच्चे भक्त को अपनाया। ऐसी ही एक विलक्षण और हृदयस्पर्शी कथा जुड़ी है भगवान जगन्नाथ और एक कसाई...

read more
जब भगवान को भा गया कसाई का निश्छल भाव: जानिए जगन्नाथ जी और सदन कसाई की अद्भुत कथा

जब भगवान को भा गया कसाई का निश्छल भाव: जानिए जगन्नाथ जी और सदन कसाई की अद्भुत कथा

नई दिल्ली: ईश्वर केवल पूजा-पाठ से नहीं, भाव और भक्ति से प्रसन्न होते हैं। हिंदू धर्म में ऐसी अनेक कथाएं मिलती हैं जहां भगवान ने जाति, कर्म और सामाजिक स्थिति से परे जाकर अपने सच्चे भक्त को अपनाया। ऐसी ही एक विलक्षण और हृदयस्पर्शी कथा जुड़ी है भगवान जगन्नाथ और एक कसाई...

read more
जब भगवान को भा गया कसाई का निश्छल भाव: जानिए जगन्नाथ जी और सदन कसाई की अद्भुत कथा

जब भगवान को भा गया कसाई का निश्छल भाव: जानिए जगन्नाथ जी और सदन कसाई की अद्भुत कथा

नई दिल्ली: ईश्वर केवल पूजा-पाठ से नहीं, भाव और भक्ति से प्रसन्न होते हैं। हिंदू धर्म में ऐसी अनेक कथाएं मिलती हैं जहां भगवान ने जाति, कर्म और सामाजिक स्थिति से परे जाकर अपने सच्चे भक्त को अपनाया। ऐसी ही एक विलक्षण और हृदयस्पर्शी कथा जुड़ी है भगवान जगन्नाथ और एक कसाई...

read more

0 Comments

0 Comments