भोपाल में UPSC चयनित MP के अभ्यर्थियों का सम्मान,CM डॉ. मोहन ने कहा— “कीचड़ से ही खिलता है कमल”

भोपाल। मध्य प्रदेश के उन होनहार युवाओं को बुधवार को सम्मानित किया गया, जिन्होंने देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक, UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2024 में सफलता प्राप्त की राजधानी भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित इस गरिमामयी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने चयनित अभ्यर्थियों को सम्मानित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।

ई-ज्ञान सेतु पोर्टल का शुभारंभ, डिजिटल लर्निंग को मिलेगा नया आयाम

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ई-ज्ञान सेतु नामक डिजिटल प्लेटफॉर्म का औपचारिक शुभारंभ किया इस पोर्टल के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए विषय आधारित व्याख्यान, डिजिटल लेक्चर और अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी इसके तहत भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा समेत कुल 10 शहरों में डिजिटल स्टूडियो स्थापित किए गए हैं मुख्यमंत्री ने इसे शिक्षा की दिशा में एक डिजिटल क्रांति करार दिया और कहा कि इससे सरकारी स्कूल-कॉलेज के छात्रों को भी वो सुविधाएं मिल सकेंगी जो अब तक केवल बड़े संस्थानों तक ही सीमित थीं।

सरकारी स्कूल से UPSC तक की यात्रा, यही असली प्रेरणा है

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इस बार प्रदेश के सरकारी स्कूलों और कॉलेजों से पढ़े कई छात्र UPSC में चयनित हुए हैं जो दर्शाता है कि प्रतिभा किसी संसाधन की मोहताज नहीं होती उन्होंने भावुक होते हुए कहा, कीचड़ से ही कमल खिलता है, और ये युवा उसी उदाहरण का साक्षात प्रमाण हैं उन्होंने आगे कहा कि आजादी के बाद पहली बार इतनी बड़ी संख्या में मध्य प्रदेश के युवाओं का UPSC में चयन हुआ है जो पूरे प्रदेश के लिए गर्व का क्षण है।

हमारे पीएम चाय वाले और मैं गाय वाला… यही लोकतंत्र है !

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में भारतीय लोकतंत्र की ताकत को भी रेखांकित किया उन्होंने कहा, आज भारत का प्रधानमंत्री एक चाय वाला है और मुख्यमंत्री आपके सामने एक गाय पालने वाला बोल रहा है यही हमारे लोकतंत्र की सुंदरता है जहां किसी की पृष्ठभूमि नहीं उसकी मेहनत मायने रखती है उन्होंने सुभाष चंद्र बोस के ICS पास करने का ज़िक्र करते हुए युवाओं को प्रेरित किया कि वे अपनी जड़ों से जुड़ें रहें और विनम्रता बनाए रखें।

विक्रमादित्य को बताया न्याय का प्रतीक, छात्रों से ‘चंदन’ बनने की सीख

डॉ. मोहन ने सम्राट विक्रमादित्य की तुलना भगवान श्रीराम से करते हुए कहा कि वे न्यायप्रिय और कठोर निर्णय लेने वाले शासक थे उन्होंने चयनित उम्मीदवारों से कहा कि आप सब चंदन की तरह घिसिए, लेकिन अपनी सुगंध से समाज को प्रेरित कीजिए।

उच्च शिक्षा मंत्री का संदेश: सफलता के साथ संवेदनशीलता भी ज़रूरी

इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने भी छात्रों को संबोधित किया उन्होंने कहा, आज का दिन प्रदेश के लिए गौरव का क्षण है आप सभी की सफलता हमारे शैक्षणिक सुधारों की सकारात्मक झलक है लेकिन सफलता के साथ-साथ संवेदनशीलता भी उतनी ही ज़रूरी है उन्होंने बताया कि राज्य सरकार भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए विशेष कोचिंग सुविधाओं की व्यवस्था करने की योजना बना रही है|

Written by Sharad Shrivastava

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