हर रोज़ की भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी में सिरदर्द एक आम शिकायत बन गई है लेकिन अगर सिर के पीछे हिस्से में धड़कन जैसा दर्द बार-बार हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है ये दर्द सिर्फ थकान नहीं, बल्कि एक साइलेंट खतरे- हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) का संकेत हो सकता है।
जब बीपी चुपचाप देता है चेतावनी
हाई ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर कहा जाता है, क्योंकि यह अक्सर बिना किसी साफ लक्षण के शरीर को नुकसान पहुंचाता है। पर जब बीपी बहुत ज़्यादा बढ़ता है, तो मस्तिष्क की रक्त नलियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है यही दबाव तेज सिरदर्द का रूप ले सकता है, खासकर सिर के पीछे हिस्से में। इस स्थिति को चिकित्सा विज्ञान में हाइपरटेंसिव क्राइसिस कहा जाता है – जिसमें बीपी का ऊपरी आंकड़ा 180 mmHg से और नीचे वाला 120 mmHg से ऊपर चला जाता है।
लक्षण जो नजरअंदाज नहीं करने चाहिए:
- सिर में तेज़, लगातार और धड़कन जैसा दर्द
- खासकर ऑक्सिपिटल रीजन यानी सिर के पिछले हिस्से में भारीपन
- मतली, घबराहट, सांस लेने में तकलीफ
- नजर धुंधली होना या डबल दिखना
- चक्कर आना या बेहोशी जैसा महसूस होना
यदि ये लक्षण अचानक और तीव्र रूप में आएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
क्या पेनकिलर काफी है ?
आम दर्द की दवाएं इस दर्द को अस्थायी तौर पर शांत कर सकती हैं, लेकिन यदि इसका मूल कारण हाई बीपी है, तो केवल बीपी कंट्रोल करने पर ही सिरदर्द से राहत मिलेगी। बार-बार पेनकिलर लेने से शरीर को अन्य नुकसान भी हो सकता है।
सिरदर्द से पहले बीपी कंट्रोल करना जरूरी, जानिए कैसे:
- नियमित बीपी चेक करवाएं, भले ही कोई लक्षण न हों।
- डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों का रोज़ाना सेवन करें।
- भोजन में नमक और तले-भुने खाद्य पदार्थों से परहेज करें।
- ताजे फल, सब्जियां और पर्याप्त पानी का सेवन करें।
- रोजाना कम से कम 30 मिनट वॉक करें या हल्की एक्सरसाइज को दिनचर्या में शामिल करें।
- तनाव से दूरी बनाएं – योग, ध्यान और पर्याप्त नींद इसमें मदद कर सकते हैं।
ध्यान रखें – हर सिरदर्द एक जैसा नहीं होता
सभी सिरदर्द हाई ब्लड प्रेशर की वजह से नहीं होते लेकिन अगर आपको पहले से हाइपरटेंशन की शिकायत है और सिर के पीछे लगातार दर्द बना रहता है, तो यह संकेत हो सकता है कि बीपी नियंत्रण से बाहर है।
लक्षण दिखें तो लापरवाही न करें
हाई ब्लड प्रेशर बिना किसी चेतावनी के शरीर पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। अगर सिर में तेज़ और अलग किस्म का दर्द हो रहा है, और खासतौर पर सिर के पीछे तो इसे हल्के में लेना बड़ी भूल हो सकती है समय पर जांच, जीवनशैली में सुधार और डॉक्टर की सलाह से आप इस साइलेंट खतरे से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं
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