मध्यप्रदेश को मिली रेलवे विकास की बड़ी सौगात, रेल मंत्री ने घोषित की तीन नई ट्रेनें और चार नई परियोजनाएं

भोपाल, 29 मई 2025
मध्यप्रदेश को रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में आज ऐतिहासिक सौगात मिली है। प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश में तीन नई ट्रेनों की घोषणा की गई है और चार महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं को हरी झंडी दी गई है। इस अवसर पर रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और पत्रकारों को संबोधित किया और इन योजनाओं का विस्तृत विवरण साझा किया।

तीन नई ट्रेन सेवाएं, यात्रियों को मिलेगी सीधी और तेज़ सुविधा

रेल मंत्री ने बताया कि यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश में तीन नई एक्सप्रेस ट्रेन सेवाएं शुरू की जा रही हैं:

  1. रीवा–पुणे एक्सप्रेस: यह ट्रेन रीवा, सतना और जबलपुर होते हुए महाराष्ट्र के पुणे तक चलेगी। विंध्य क्षेत्र के यात्रियों को अब पुणे के लिए सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी।
  2. जबलपुर–रायपुर एक्सप्रेस: जबलपुर से होकर यह ट्रेन नैनपुर और गोंदिया के रास्ते छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर तक जाएगी, जिससे महाकौशल और छत्तीसगढ़ के बीच आवागमन सुलभ होगा।
  3. ग्वालियर–बेंगलुरु एक्सप्रेस: ग्वालियर, गुना, भोपाल और पुणे होते हुए यह सेवा कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु तक यात्रियों को जोड़ेगी, जो उत्तर और दक्षिण भारत के बीच एक प्रमुख साधन साबित होगी।

चार बड़ी रेल परियोजनाएं, ₹24,208 करोड़ की लागत से होंगे 565 कि.मी. विस्तार

प्रधानमंत्री गतिशक्ति मास्टर प्लान के तहत मध्यप्रदेश को चार रेलवे परियोजनाओं की स्वीकृति मिली है:

  1. मनमाड–इंदौर नई रेल लाइन (309 कि.मी.)
    • लागत: ₹18,036 करोड़
    • इंदौर, धार, खरगोन और बड़वानी को महाराष्ट्र के नासिक और धुले जिलों से जोड़ेगी।
  2. भुसावल–खंडवा तीसरी और चौथी रेल लाइन (131 कि.मी.)
    • लागत: ₹3,514 करोड़
    • माल परिवहन की क्षमता दोगुनी करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम।
  3. प्रयागराज (इरादतगंज)–माणिकपुर तीसरी रेल लाइन (84 कि.मी.)
    • लागत: ₹1,640 करोड़
    • रीवा क्षेत्र को प्रयागराज और चित्रकूट से जोड़ेगी।
  4. रतलाम–नागदा तीसरी और चौथी रेल लाइन (41 कि.मी.)
    • लागत: ₹1,018 करोड़
    • पश्चिम भारत के पोर्ट्स से कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगी।

रोजगार और पर्यावरण, दोनों में योगदान देगी रतलाम-नागदा परियोजना

रतलाम–नागदा रेलखंड की विशेष चर्चा करते हुए रेल मंत्री ने बताया कि यह मार्ग चारों दिशाओं से जुड़ाव का केंद्र है। इस परियोजना से:

  • 28 लाख मानव-दिवस का रोजगार सृजित होगा
  • 38 करोड़ किलोग्राम CO₂ उत्सर्जन में कमी आएगी, जो 1.5 करोड़ पेड़ों के बराबर है
  • लाइन उपयोगिता दर 116% से घटकर 65% रह जाएगी, जिससे ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति नहीं बनेगी

6 प्रमुख स्टेशन — रतलाम जंक्शन, बैंगरोड, रनखेड़ा, खाचरोद, बेरावन्या और नागदा को इस परियोजना में शामिल किया गया है इसके तहत 70 फुट ओवर ब्रिज, 5 बड़े पुल, 3 ओवरब्रिज और 15 अंडरपास बनाए जाएंगे।

“कवच” तकनीक से सुसज्जित होंगे रेलमार्ग

इस परियोजना में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है नई पटरियों पर ‘कवच’ सुरक्षा प्रणाली, और 160 किमी प्रति घंटा की गति क्षमता वाली लाइनें बिछाई जाएंगी, जिससे तेज़ और सुरक्षित यात्रा संभव होगी।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का बयान

इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, “मध्यप्रदेश की रेल अधोसंरचना में यह नया युग सामाजिक और आर्थिक विकास का आधार बनेगा, हम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव के आभारी हैं, जिन्होंने प्रदेश के जनजीवन को रफ्तार देने वाला यह ऐतिहासिक निर्णय लिया।”

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मज़बूत कदम

रेल मंत्री ने इन परियोजनाओं को प्रधानमंत्री श्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत विजन की दिशा में एक विकासशील भारत के लिए मजबूत आधार बताया। उन्होंने कहा कि रेल संपर्क बढ़ने से न केवल यात्री सुविधाएं सुधरेंगी, बल्कि उद्योग, व्यापार, कृषि और पर्यटन को भी व्यापक लाभ मिलेगा।

Written by Sharad Shrivastava

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