मेलबर्न। ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने अपने शानदार 13 साल लंबे वनडे करियर को विराम दे दिया है। उन्होंने घोषणा की है कि वह अब वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट नहीं खेलेंगे। इस फैसले के साथ उन्होंने उस फॉर्मेट को अलविदा कहा, जिसमें उन्होंने 2012 में अपना डेब्यू किया था और ऑस्ट्रेलिया को कई यादगार जीतों में अहम भूमिका निभाई।
चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान बना लिया था मन
मैक्सवेल ने बताया कि उन्होंने फरवरी में खेले गए चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान ही यह फैसला कर लिया था। उनके अनुसार, मैंने चयन समिति के प्रमुख जॉर्ज बेली से साफ कहा था कि मुझे नहीं लगता कि मैं 2027 वर्ल्ड कप तक खेल पाऊंगा अब समय है कि टीम उस पोजिशन के लिए नए चेहरों को तैयार करे।
चोट और शारीरिक सीमाएं बनी वजह
अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुके मैक्सवेल ने यह भी स्वीकार किया कि उनकी शारीरिक स्थिति वनडे क्रिकेट की मांगों के अनुसार नहीं रही लाहौर में चैंपियंस ट्रॉफी के पहले मैच में सख्त आउटफील्ड पर खेलने के बाद उन्हें काफी दर्द हुआ, और इसके बाद लगातार फिसलन भरी परिस्थितियों में फील्डिंग ने उनकी समस्या को और बढ़ा दिया। उन्होंने कहा, अगर मैं मैदान पर खुद को पूरी तरह नहीं दे पा रहा तो टीम के साथ न्याय नहीं कर रहा। 50 ओवर का क्रिकेट अब मेरे लिए काफी मुश्किल हो गया है।
आंकड़ों में मैक्सवेल का वनडे करियर
- 149 वनडे मैच
- 3990 रन, औसत लगभग 34
- स्ट्राइक रेट 126.70, जो उन्हें सबसे आक्रामक वनडे बल्लेबाजों में शुमार करता है
- 2 वर्ल्ड कप जीत (2015 और 2023)
मैक्सवेल का योगदान सिर्फ बल्ले तक सीमित नहीं रहा, उन्होंने ऑफ-स्पिन गेंदबाजी में भी कई मौकों पर टीम को ब्रेकथ्रू दिलाया। इसके अलावा, वह मैदान पर अपनी तेज फील्डिंग के लिए भी जाने जाते थे।
युवाओं के लिए छोड़ी जिम्मेदारी
संन्यास की घोषणा करते हुए मैक्सवेल ने उम्मीद जताई कि उनकी जगह लेने वाले खिलाड़ी टीम को आगे ले जाएंगे। मैं चाहता हूं कि युवा खिलाड़ी अब उस जिम्मेदारी को संभालें, उन्हें मौका मिलना चाहिए |
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