स्पोर्ट्स डेस्क |
भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए एक और बड़ी जीत हासिल की है उन्होंने हमवतन अर्जुन एरिगैसी को क्लासिकल शतरंज में पहली बार मात देकर टूर्नामेंट में दूसरे स्थान पर कब्जा जमा लिया है। ये उनकी लगातार दूसरी बड़ी जीत है इससे पहले उन्होंने विश्व नंबर एक मैग्नस कार्लसन को हराकर तहलका मचा दिया था।
पहले कार्लसन, फिर एरिगैसी: गुकेश का इतिहास रचता अभियान
19 वर्षीय गुकेश के लिए यह टूर्नामेंट किसी सपने से कम नहीं रहा। छठे राउंड में उन्होंने पहली बार क्लासिकल शतरंज में मैग्नस कार्लसन को हराया और अब सातवें दौर में अर्जुन एरिगैसी को पराजित कर दिया। यह मुकाबला आसान नहीं था, लेकिन कुछ कठिन स्थितियों से उबरते हुए गुकेश ने बाजी अपने नाम की और पिछली हार का हिसाब भी चुकता किया।
अंक तालिका में गुकेश की छलांग
इस जीत के बाद गुकेश के कुल अंक 11.5 हो गए हैं, जिससे वह कार्लसन को पीछे छोड़कर दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। वर्तमान में अमेरिकी ग्रैंडमास्टर फैबियानो कारूआना 12.5 अंकों के साथ शीर्ष पर हैं, जिन्होंने चीन के वेई यी को हराया।
मैग्नस कार्लसन ने हिकारू नाकामुरा के खिलाफ आर्मागेडन राउंड में जीत दर्ज की, जिससे वे 11 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर हैं। नाकामुरा 8.5 अंकों के साथ चौथे और अर्जुन एरिगैसी 7.5 अंकों के साथ पांचवें पायदान पर हैं। वेई यी फिलहाल 6.5 अंकों के साथ छठे स्थान पर बने हुए हैं।
विमेंस कैटेगरी में भारतीय खिलाड़ियों को मिला मिला-जुला परिणाम
महिला वर्ग की बात करें तो यूक्रेन की अन्ना मुजीचुक ने भारत की कोनेरू हम्पी को आर्मागेडन टाई-ब्रेक में हराकर अहम जीत हासिल की। वहीं, भारत की आर वैशाली को चीन की लेई टिंगजी के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा।
अब आगे क्या ?
नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट में अब भी तीन राउंड बाकी हैं, और ऐसे में गुकेश के पास टूर्नामेंट जीतने का बड़ा मौका है। उनका आत्मविश्वास ऊंचाई पर है और उनका खेल लगातार परिपक्व होता दिख रहा है यदि वह इसी तरह प्रदर्शन करते रहे, तो यह टूर्नामेंट उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बन सकता है।
डी गुकेश का यह अभियान भारतीय शतरंज के लिए एक प्रेरणादायक पल है। कार्लसन और एरिगैसी जैसे दिग्गजों को हराकर उन्होंने न केवल अपनी क्षमता साबित की है, बल्कि भारत को एक संभावित विश्व चैंपियन की झलक भी दी है। अब सभी की नजरें बाकी बचे राउंड्स पर टिकी हैं—क्या गुकेश इतिहास बनाएंगे?
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