वॉशिंगटन/मॉस्को: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और टेस्ला-स्पेसएक्स प्रमुख एलन मस्क के बीच हालिया बयानबाज़ी अब अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोर रही है। इसी बीच रूस से एक चौंकाने वाली प्रतिक्रिया सामने आई है। रूसी सांसद दिमित्री नोविकोव ने कहा है कि यदि एलन मस्क को अमेरिका में राजनीतिक संकट का सामना करना पड़ता है, तो रूस उन्हें शरण देने के लिए तैयार हो सकता है।
रूस का ऑफर: जरूरत पड़ी तो मस्क को मिलेगी राजनीतिक पनाह
रूसी संसद की अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के उपाध्यक्ष नोविकोव ने मीडिया से बात करते हुए कहा, हालांकि मस्क की रणनीति अब तक स्वतंत्र और सोची-समझी रही है, लेकिन यदि भविष्य में उन्हें किसी तरह की राजनीतिक शरण की आवश्यकता हुई, तो रूस इसका विकल्प जरूर उपलब्ध करा सकता है।
मस्क बनाम ट्रंप: जुबानी जंग तेज
हाल के सप्ताहों में मस्क और ट्रंप के बीच बयानबाज़ी और राजनीतिक मतभेद खुलेआम सामने आए हैं। मस्क जहां कुछ मुद्दों पर बाइडन सरकार की आलोचना करते आए हैं, वहीं उन्होंने ट्रंप के कई बयानों और नीतियों से भी असहमति जताई है दूसरी ओर, ट्रंप के करीबी और पूर्व व्हाइट हाउस सलाहकार स्टीव बैनन ने मस्क पर तीखा हमला बोला है।
स्टीव बैनन का आरोप: मस्क अवैध प्रवासी हैं
बैनन ने हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मस्क की नागरिकता पर सवाल उठाए और कहा कि सरकार को उनकी नागरिकता की पूरी जांच करनी चाहिए, क्योंकि मुझे यकीन है कि वे अमेरिका में अवैध रूप से हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि उन्हें देश से बाहर निकाल देना चाहिए।
स्पेसएक्स पर उठे सवाल
मस्क ने हाल में यह संकेत दिया था कि यदि कुछ शर्तें पूरी नहीं हुईं, तो वे स्पेसएक्स की ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट परियोजना को बंद करने पर विचार कर सकते हैं। इस बयान ने ट्रंप समर्थक खेमे में हलचल मचा दी। बैनन ने इस पर कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है और सरकार से स्पेसएक्स को डिफेंस प्रोडक्शन एक्ट के तहत जब्त करने की मांग कर डाली।
क्रेमलिन की सतर्क प्रतिक्रिया
जब रूस की ओर से संभावित शरण पर सवाल किया गया, तो क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, यह पूरी तरह अमेरिका का आंतरिक मामला है, जिसमें रूस की कोई भूमिका नहीं है।
रूस का पिछला रिकॉर्ड
यह पहली बार नहीं है जब रूस ने अमेरिका के चर्चित व्यक्तियों को राजनीतिक पनाह देने की बात कही हो। इससे पहले रूस ने एडवर्ड स्नोडेन और ब्रिटिश पत्रकार ग्राहम फिलिप्स को भी शरण दी थी।
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