नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर राहुल गांधी द्वारा दिया गया विवादित बयान अब पोस्टर की जंग में तब्दील हो चुका है। राहुल ने हाल ही में भोपाल में एक जनसभा के दौरान कहा कि डोनाल्ड ट्रंप का एक फोन आया और नरेंद्र मोदी जी ने तुरंत झुकने का रास्ता चुन लिया। इस बयान ने जहां भाजपा को आक्रामक होने का मौका दिया, वहीं कांग्रेस ने इसे सत्य बोलने की हिम्मत बताया और पोस्टर के ज़रिए तीखा हमला किया।
कांग्रेस का पोस्टर: ‘नरेंदर सरेंडर’

राहुल गांधी के बयान के बाद कांग्रेस ने सोशल मीडिया और कुछ सार्वजनिक स्थलों पर एक पोस्टर जारी किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की फोटो है। इस पर बड़े अक्षरों में लिखा गया है
“Narender Surrender”
इस पोस्टर के जरिए कांग्रेस यह दिखाना चाहती है कि भारत की विदेश नीति कमजोर हो गई है और मोदी सरकार अंतरराष्ट्रीय दबाव में फैसले लेती है।
बीजेपी का पलटवार: ‘वन एजेंडा, वन ड्रीम’

जवाब में भारतीय जनता पार्टी ने भी एक पोस्टर लॉन्च किया जिसमें राहुल गांधी और पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर एक ही फ्रेम में दिखाए गए हैं। इस पोस्टर पर लिखा है —
“One Agenda, One Dream”
भाजपा ने इस पोस्टर के जरिए राहुल गांधी को पाकिस्तान के विचारों के करीब बताने की कोशिश की है। पार्टी ने यह आरोप भी लगाया कि राहुल गांधी के बयान पाकिस्तान को राजनीतिक हथियार थमाने का काम कर रहे हैं।
भाजपा का आरोप: राहुल चीन और पाकिस्तान के एजेंडे पर
भाजपा प्रवक्ताओं और केंद्रीय मंत्रियों ने राहुल गांधी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि उनके ऐसे बयान न सिर्फ देश की विदेश नीति को कमजोर करते हैं, बल्कि चीन और पाकिस्तान को भारतीय लोकतंत्र के खिलाफ दुष्प्रचार का मौका देते हैं। एक बयान में भाजपा नेता ने कहा राहुल गांधी बार-बार देश की सुरक्षा और नेतृत्व पर सवाल खड़ा कर चीन और पाकिस्तान के एजेंडे को मजबूत कर रहे हैं। ऐसा लगता है जैसे वे किसी विदेशी ताकत के इशारे पर काम कर रहे हों।
कांग्रेस की सफाई: सच्चाई से डर रही है भाजपा
कांग्रेस ने भाजपा के पलटवार को राजनीतिक स्टंट बताते हुए कहा कि सत्ताधारी पार्टी सवालों से भाग रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी का बचाव करते हुए कहा राहुल गांधी ने वही कहा जो देश जानता है — कि मोदी सरकार ने कई मौकों पर दबाव में समझौते किए हैं। BJP झूठ को छिपाने के लिए पोस्टरों का सहारा ले रही है।”
क्या है ट्रंप फोन कॉल का संदर्भ ?
राहुल गांधी का इशारा उस वक्त की ओर था जब डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के तनाव के दौरान मध्यस्थता की पेशकश की थी। यह मुद्दा 2019 में चर्चा में आया था और विपक्ष ने उस समय भी सवाल उठाया था कि भारत ने अमेरिका को इस विषय पर स्पष्ट जवाब क्यों नहीं दिया।
सियासी बयान अब पोस्टरों की जंग में बदल चुका है
राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी के बीच बयानबाज़ी कोई नई बात नहीं, लेकिन इस बार मामला सीधा अंतरराष्ट्रीय संबंधों और सैन्य प्रतिष्ठा से जुड़ गया है। दोनों दल अब केवल भाषणों तक सीमित नहीं रहे पोस्टर राजनीति नए सिरे से सियासी हथियार बनकर उभरी है।
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