नई दिल्ली।
भारत की रक्षा क्षमताएं एक बार फिर दुनिया के सामने नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रही हैं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) जल्द ही हाइपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल का परीक्षण करने वाला है। यह मिसाइल प्रोजेक्ट विष्णु के तहत विकसित की गई है और इसे ET-LDHCM यानी Extended Trajectory – Long Duration Hypersonic Cruise Missile नाम दिया गया है।
क्या है मिसाइल की ताकत?
इस हाइपरसोनिक मिसाइल की खासियत इसकी ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक रफ्तार है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसकी अधिकतम गति लगभग 11,000 किमी प्रति घंटा हो सकती है, यानी यह मात्र एक सेकंड में 3 किलोमीटर तक दूरी तय कर सकती है। इतनी तेज गति होने के कारण दुश्मन की एयर डिफेंस सिस्टम को प्रतिक्रिया देने का समय भी नहीं मिल पाता।
पाकिस्तान से लेकर चीन तक टारगेट में
इस मिसाइल की 1500 किलोमीटर तक की रेंज बताई जा रही है, जिससे यह पाकिस्तान के कराची, लाहौर और रावलपिंडी से लेकर क्वेटा तक आसानी से पहुंच सकती है। वहीं, चीन के कई रणनीतिक ठिकाने भी इस दायरे में आते हैं। इससे भारत की सामरिक ताकत और ज्यादा प्रभावशाली हो जाएगी।
स्क्रैमजेट इंजन से मिलेगी रफ्तार और लंबी दूरी
ET-LDHCM मिसाइल को स्क्रैमजेट इंजन टेक्नोलॉजी से लैस किया गया है, जो हवा से ऑक्सीजन लेकर ईंधन को जलाने में सक्षम है। इस तकनीक के कारण मिसाइल को ज्यादा ईंधन की जरूरत नहीं होती और वह अत्यधिक गति बनाए रखने में सक्षम रहती है। DRDO ने पहले 2025 में इस इंजन का सफल ग्राउंड टेस्ट किया था, जिसमें यह 1000 सेकंड तक सक्रिय रहा।
रडार से बचाव और दुश्मन को चकमा देने की ताकत
इस मिसाइल की एक और खासियत है इसका लो-एल्टिट्यूड फ्लाइट प्रोफाइल। यह बहुत नीचे उड़ती है, जिससे रडार इसे ट्रैक नहीं कर पाते। यदि रडार ट्रैक कर भी लें, तो यह हवा में ही अपना रास्ता बदलने में सक्षम है, जिससे दुश्मन की इंटरसेप्टर मिसाइल भ्रमित हो जाती हैं।
गर्मी और ऑक्सीजन से बचाव के लिए विशेष कोटिंग
तेज रफ्तार में उड़ने वाली मिसाइल की ऊपरी सतह का तापमान 2000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। ऐसे में ET-LDHCM को एंटी-हीट और एंटी-ऑक्सीजन कोटिंग से लैस किया गया है, जिससे इसे उच्च तापमान में भी स्थिर और सुरक्षित रखा जा सके।
प्रोजेक्ट विष्णु: भारत की हाइपरसोनिक तकनीक की दिशा में लगातार प्रगति
- 2020: पहली बार हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) का सफल परीक्षण
- जनवरी 2024: ओडिशा तट से HSTDV का दूसरा परीक्षण
- नवंबर 2024: ET-LDHCM का पहला सफल परीक्षण
- 2025: अगला परीक्षण जल्द
क्यों अहम है यह तकनीक
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक भविष्य की जंग बियॉन्ड विजुअल रेंज हथियारों पर निर्भर होगी — जिनमें ड्रोन, लंबी दूरी की मिसाइलें और हाइपरसोनिक वेपन शामिल हैं। ऐसे में भारत की यह नई मिसाइल न केवल रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बल देगी, बल्कि दुश्मन देशों के लिए रणनीतिक संतुलन भी बदलेगी।
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