अयोध्या।
श्रीराम जन्मभूमि की पावन धरती पर आज एक और अध्याय जुड़ गया, जब श्रीराम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य और ऐतिहासिक आयोजन किया गया। 22 जनवरी को रामलला की प्रतिष्ठा के बाद, यह दूसरा बड़ा अनुष्ठान था जिसने देशभर के श्रद्धालुओं का ध्यान एक बार फिर अयोध्या की ओर खींच लिया। इस मौके पर देशभर से संतों, साधुओं और धर्माचार्यों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।
अभिजीत मुहूर्त में हुआ पूजा अनुष्ठान
राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा 11:25 से 11:40 बजे के बीच अभिजीत मुहूर्त में की गई। यह वही मुहूर्त है जो शुभ कार्यों के लिए सबसे पवित्र माना जाता है। अनुष्ठान वेद मंत्रों और धार्मिक विधियों के साथ सम्पन्न हुआ। भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमानजी की सफेद मकराना संगमरमर से निर्मित मूर्तियां मंदिर के प्रथम तल पर विधिपूर्वक विराजमान की गईं।
सूरत के कारोबारी मुकेश पटेल का ऐतिहासिक दान
इस पावन अवसर को और विशेष बना दिया सूरत के प्रमुख हीरा व्यापारी मुकेश पटेल ने, जिन्होंने राम दरबार के लिए हीरे, सोने और चांदी से जड़े भव्य आभूषणों का दान किया। विश्व हिंदू परिषद (VHP) के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश नेवादिया ने जानकारी दी कि ये सभी आभूषण “ग्रीन लैब डायमंड” के मालिक मुकेश पटेल द्वारा श्रद्धापूर्वक दान किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि 22 जनवरी को रामलला की प्रतिष्ठा के समय भी उनके मुकुट का दान मुकेश पटेल ने ही किया था।
दान किए गए मुख्य आभूषणों में शामिल हैं:


- 1,000 कैरेट के हीरे
- 300 ग्राम सोना
- 30 किलो चांदी
- 300 कैरेट के रूबी
- 11 मुकुट – भगवान श्रीराम और उनके चारों भाइयों के लिए
- गले के हार, झुमके, तिलक, कमरबंध, और धनुष-बाण के सेट
- गदा, तुणीर, चंवर और अन्य धार्मिक प्रतीक
इन सभी आभूषणों को सुरक्षित रूप से चार्टर्ड विमान से अयोध्या पहुंचाया गया और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को समर्पित किया गया।
मूर्तियों की शिल्पकला और स्थापत्य
राम दरबार की सभी मूर्तियाँ जयपुर में निर्मित की गई हैं और ये भारत की प्राचीन शिल्पकला का अद्भुत उदाहरण हैं। भगवान श्रीराम और माता सीता सिंहासन पर विराजमान हैं, वहीं भरत और हनुमानजी भगवान के चरणों में बैठे हुए हैं। लक्ष्मण और शत्रुघ्न मूर्तियों के दाहिने और बाएं भाग में खड़े हैं। यह संपूर्ण राम दरबार दृश्य श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक भावनाओं से भरा हुआ प्रतीत होता है।
अन्य उपमंदिरों और सप्त मंडपम में मूर्तियों की प्रतिष्ठा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर मंदिर परिसर के सात उपमंदिरों में स्थापित भगवान शिव, श्रीगणेश, सूर्य, माता अन्नपूर्णा, हनुमानजी, भगवती आदि की मूर्तियों की भी प्राण प्रतिष्ठा की। इसके अलावा, सप्त मंडपम नामक परिसर में महर्षि वाल्मीकि, विश्वामित्र, वशिष्ठ, अगस्त्य, निषादराज, अहिल्या और शबरी की मूर्तियों की प्रतिष्ठा भी आज पूरी विधि-विधान के साथ सम्पन्न की गई।
विशेष मेहमानों की उपस्थिति
इस आयोजन में करीब 350 आमंत्रित लोग शामिल हुए, जिनमें श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के पदाधिकारी, धर्माचार्य, प्रमुख संत-महात्मा और अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद थे। सुरक्षा और व्यवस्था के लिए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए थे ताकि भक्तगण और आमंत्रित अतिथियों को कोई असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राण प्रतिष्ठा के बाद मीडिया से संक्षेप में बात करते हुए कहा यह आयोजन भारत की संस्कृति, श्रद्धा और सनातन परंपरा की आत्मा का प्रतीक है। श्रीराम जन्मभूमि अब केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि राष्ट्र की चेतना का केंद्र बन चुका है। योगी करीब 6 घंटे अयोध्या में रहे और मंदिर परिसर के हर कोने में जाकर आशीर्वाद लिया।
आज का दिन न केवल श्रीराम मंदिर बल्कि पूरे भारतवासियों के लिए गर्व और भक्ति का क्षण था। राम दरबार की प्रतिष्ठा ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि भारत की संस्कृति, श्रद्धा और परंपरा आज भी जीवित है और युगों तक जीवित रहेगी।
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