बेंगलुरु।
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की ऐतिहासिक आईपीएल जीत का जश्न अब विवादों में बदल गया है। एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुए कार्यक्रम के दौरान भगदड़ में 11 लोगों की मौत और दर्जनों के घायल होने के बाद पुलिस ने सख्त रुख अपनाते हुए RCB के मार्केटिंग प्रमुख निखिल सोसाले को एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया है। निखिल मुंबई रवाना होने ही वाले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें पकड़कर हिरासत में ले लिया।
इवेंट कंपनी के तीन स्टाफ भी हिरासत में, केएससीए अधिकारी लापता
पुलिस ने आयोजन की ज़िम्मेदारी संभाल रही इवेंट मैनेजमेंट कंपनी DNA के तीन कर्मचारियों किरण, सुमंत और सुनील मैथ्यू को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। सभी को कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन में रखा गया है, जहां उनसे आयोजन में सुरक्षा की खामियों को लेकर पूछताछ की जा रही है। इस बीच कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) के दो वरिष्ठ अधिकारी सचिव शंकर और कोषाध्यक्ष जयराम पुलिस रेड के दौरान घर से नदारद मिले। पुलिस ने इनके खिलाफ भगदड़ के मामले में केस दर्ज किया है, लेकिन दोनों अधिकारी अभी भी फरार हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद तेज हुई कार्रवाई
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्पष्ट निर्देश दिए थे कि आयोजन में शामिल सभी जिम्मेदार व्यक्तियों को तुरंत हिरासत में लिया जाए। इसके बाद पुलिस ने RCB, इवेंट कंपनी और केएससीए प्रशासन के खिलाफ केस दर्ज कर जांच तेज कर दी।
बता दें कि मुख्यमंत्री ने इस घटना के बाद बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर बी. दयानंद सहित कई वरिष्ठ अफसरों को सस्पेंड करने के भी आदेश दिए हैं। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सरकार और प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं।
कैसे हुई यह दुखद घटना ?
3 जून को अहमदाबाद में खेले गए फाइनल मुकाबले में RCB ने पंजाब किंग्स को हराकर आईपीएल 2025 का खिताब जीता। इसके बाद टीम जब बेंगलुरु पहुंची, तो एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में विजेता खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए एक कार्यक्रम रखा गया था।
स्टेडियम के भीतर और बाहर हजारों की तादाद में फैंस जुट गए थे, जो विराट कोहली और अन्य खिलाड़ियों की एक झलक पाने के लिए घंटों इंतजार कर रहे थे। भीड़ पर नियंत्रण रखने के लिए पुलिस ने बैरिकेड्स लगाए, लेकिन व्यवस्था पूरी तरह फेल हो गई और अचानक मची भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई, जबकि कई घायल हुए।
क्या थे मुख्य आरोप ?
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कार्यक्रम के आयोजन में पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए थे। भीड़ नियंत्रण के लिए प्लानिंग नाकाफी थी, और आयोजकों ने पुलिस को सटीक संख्या या समय की जानकारी नहीं दी थी, जिससे आखिरी समय में अफरातफरी मच गई।
आगे की जांच जारी
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सभी संदिग्धों से पूछताछ जारी है और जरूरत पड़ने पर और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। इवेंट के आयोजक, प्रमोटर और स्टेडियम प्रबंधन की जिम्मेदारी तय की जा रही है। इस मामले में प्रशासन की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।
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