भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा एशिया कप 2025 में भाग न लेने के संकेतों के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) पर आर्थिक संकट और गहराने की आशंका है भारत-पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चले आ रहे राजनीतिक तनाव का असर अब एशियाई क्रिकेट टूर्नामेंट पर साफ दिखाई देने लगा है सूत्रों के मुताबिक, बीसीसीआई भारत सरकार के मौजूदा रुख और जनता की भावनाओं को देखते हुए पाकिस्तान के साथ किसी भी प्रकार के क्रिकेट संबंध से दूरी बनाए रखने के पक्ष में है इसका सबसे सीधा असर एशिया कप 2025 के आयोजन और उसकी कमाई पर पड़ेगा।
भारत की गैरमौजूदगी से कैसे डगमगाएगा PCB का बजट ?
ICC और ACC जैसे बड़े टूर्नामेंट्स में भारत की भागीदारी से PCB को हर चार साल के चक्र में लगभग 20 से 26 मिलियन डॉलर की कमाई होती है लेकिन यदि भारत एशिया कप से हटता है तो पाकिस्तान के लिए यह एक बड़ा वित्तीय झटका होगा एशिया कप के रेवेन्यू मॉडल के तहत पांच फुल-टाइम मेंबर देशों (भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश और अफगानिस्तान) को समान रूप से 15-15% हिस्सा मिलता है इस मॉडल की रीढ़ भारत ही है क्योंकि अधिकांश स्पॉन्सर, ब्रॉडकास्टर और दर्शक भारतीय बाजार से आते हैं साल 2024 में एशिया कप के ब्रॉडकास्टिंग अधिकार करीब 1,440 करोड़ रुपये में बेचे गए थे लेकिन इस डील की मुख्य वजह भारत-पाकिस्तान मुकाबले ही माने जाते हैं भारत की अनुपस्थिति की स्थिति में ब्रॉडकास्टर्स और स्पॉन्सर्स टूर्नामेंट से पीछे हट सकते हैं।
पहले से आर्थिक दिक्कतों में फंसा PCB
PCB पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रहा है 2025 की चैंपियंस ट्रॉफी की तैयारियों में बोर्ड ने करीब 420 करोड़ रुपये का निवेश किया था लेकिन भारत के पाकिस्तान दौरे से इनकार और टूर्नामेंट में कम व्यूअरशिप के चलते उन्हें भारी घाटा उठाना पड़ा मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, PCB को इस आयोजन से करीब 700 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ यहां तक कि खिलाड़ियों और अंपायर्स को पेमेंट देने में भी देरी हुई।
खिलाड़ियों और ब्रांड इकोसिस्टम पर भी असर
भारत के न खेलने का असर सिर्फ बोर्ड की फाइनेंस पर नहीं बल्कि पाकिस्तान के क्रिकेटर्स की ग्रोथ इंटरनेशनल एक्सपोजर और डिजिटल कमाई पर भी पड़ेगा यूट्यूब और सोशल मीडिया व्यूअरशिप का बड़ा हिस्सा भारतीय दर्शकों से आता है ऐसे में स्पॉन्सरशिप और ब्रांड वैल्यू में गिरावट तय है इसके अलावा ACC के छोटे सदस्य देश भी भारत की गैरमौजूदगी से प्रभावित होंगे क्योंकि BCCI आमतौर पर अपने हिस्से की कमाई इन देशों के विकास में खर्च करता है।
भारत के संभावित बायकॉट से न सिर्फ पाकिस्तान का क्रिकेट ढांचा आर्थिक रूप से कमजोर होगा बल्कि पूरे एशियाई क्रिकेट इकोसिस्टम को भी नुकसान पहुंच सकता है हालांकि, BCCI को श्रीलंका और अफगानिस्तान जैसे अपने सहयोगी बोर्ड्स के लिए वैकल्पिक समाधान तलाशना होगा इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि क्रिकेट अब सिर्फ खेल नहीं रहा यह कूटनीति और रणनीति का भी हिस्सा बन चुका है।
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