कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पिएरे पोइलिवरे कुछ माह पहले तक बहुत अच्छी स्थिति में थे और एक तरह से उनका देश का अगला प्रधानमंत्री बनना तय था, लेकिन ट्रंप के अमेरिका की सत्ता में आने के बाद हालात पूरी तरह से बदल गए। पिएरे पोइलिवरे की एक गलती ये रही वे चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप के खिलाफ मजबूती से स्टैंड नहीं ले सके।
कनाडा में आम चुनाव के लिए आज मतदान हो रहा है। इस चुनाव में मुख्य लड़ाई लिबरल पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पिएरे पोइलिवरे के बीच है, लेकिन कनाडा चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप फिलहाल सबसे बड़ा मुद्दा हैं। दरअसल ट्रंप ने जिस तरह से कनाडा पर भारी-भरकम टैरिफ लगाए हैं और कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की बात कही है, तब से ही कनाडा में ट्रंप के खिलाफ गुस्सा है। इसने कनाडा में राष्ट्रवाद की भावना को भड़का दिया है और इसके चलते अन्य मुद्दे पीछे चले गए हैं।
राष्ट्रवाद बनाम बदलाव की लड़ाई
कनाडा की सत्ता पर बीते एक दशक से भी ज्यादा समय से लिबरल पार्टी का कब्जा है। महंगाई और घरों की बढ़ती कीमतें और अप्रवासियों की बढ़ती संख्या को लेकर लिबरल पार्टी के खिलाफ लोगों में भारी नाराजगी थी। इस नाराजगी के चलते पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडो को भी पद से इस्तीफा देना पड़ा था। ट्रूडो के बाद मार्क कार्नी ने पीएम पद संभाला। हालांकि इसी बीच ट्रंप ने कनाडा के खिलाफ टैरिफ लगा दिए। इससे कनाडा में राष्ट्रवाद की भावना मजबूत हुई और लिबरल पार्टी ने जिस तरह से ट्रंप के खिलाफ स्टैंड लिया, उससे लिबरल पार्टी को फायदा पहुंचा और आज स्थिति ये है कि लिबरल पार्टी फिर से कनाडा की सत्ता पर काबिज होने के करीब पहुंच गई है।
कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पिएरे पोइलिवरे कुछ माह पहले तक बहुत अच्छी स्थिति में थे और एक तरह से उनका देश का अगला प्रधानमंत्री बनना तय था, लेकिन ट्रंप के अमेरिका की सत्ता में आने के बाद हालात पूरी तरह से बदल गए। पिएरे पोइलिवरे की एक गलती ये रही वे चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप के खिलाफ मजबूती से स्टैंड नहीं ले सके। जिसका खामियाजा उन्हें और उनकी पार्टी को भुगतना पड़ा और चुनाव पूर्व सर्वे में वे पिछड़ते नजर आ रहे हैं। वहीं मार्क कार्नी ने अपने प्रचार में ट्रंप के खिलाफ राष्ट्रवाद की भावना को खूब मजबूत किया। मंगलवार को मार्क कार्नी ने कहा कि ‘हम संकट में हैं। ट्रंप, कनाडा को धमका रहे हैं। वह हमारी कंपनियों, हमारे कर्मचारियों को धमका रहे हैं। यह न सिर्फ हमारी अर्थव्यवस्था के लिए धमकी है बल्कि यह हमारे अस्तित्व के लिए भी खतरा है।’
कनाडा के चुनाव नतीजों का अमेरिका पर क्या होगा प्रभाव
ट्रंप ने कनाडा पर भारी टैरिफ लगाए हैं। ऐसे में जो भी पार्टी सत्ता में आएगी उन्हें अपने निर्यात में विविधता लाने का लक्ष्य रखना होगा। गौरतलब है कि पीएम बनने के बाद मार्क कार्नी ने अमेरिका का दौरा नहीं किया है और वे लंदन और पेरिस दौरे पर गए हैं। साफ है कि कनाडा अब अमेरिका पर अपनी निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहा है। अभी कनाडा का 80 फीसदी निर्यात अमेरिका को होता है, लेकिन अब उसमें धीरे-धीरे कमी आ सकती है।
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