कर्नाटक के पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश गुप्ता की पत्नी पल्लवी ने उनके चेहरे पर लाल मिर्च पाउडर फेंकने के बाद चाकू से कई वार किए जिससे उनकी मौत हो गई। पल्लवी को गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले की जांच अब सेंट्रल क्राइम ब्रांच (सीसीबी) को सौंप दी गई है। शुरुआती जांच में पता चला है कि पल्लवी ने ही हत्या की है।
आइएएनएस, बेंगलुरु। कर्नाटक के पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश गुप्ता की पत्नी पल्लवी ने चाकू मारने से पहले उनके चेहरे पर लाल मिर्ची पाउडर फेंका था। जलन से बेचैन होने पर पल्लवी ने उन पर धारदार चाकू से कई वार किए। इससे लहूलुहान पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश की मौके पर ही मौत हो गई। हत्या के आरोप में उनकी 64 वर्षीय पत्नी पल्लवी ओम प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया है। उसे मजिस्ट्रेटी अदालत में पेश किया जाएगा।
इस मामले में आगे की जांच अब बेंगलुरु के सेंट्रल क्राइम ब्रांच (सीसीबी) को सौंप दी गई है। अभी इस मामले में और परतें खुलनी बाकी हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि 68 वर्षीय दिवंगत ओमप्रकाश की पत्नी ने ही हत्या की है। लेकिन मां-बेटी से बेंगलुरु में होयसाला के पुलिस स्टेशन में घंटों पूछताछ के बाद पुलिस ने पत्नी पल्लवी को गिरफ्तार कर लिया है।
पल्लवी ने एक आइपीएस अफसर की पत्नी को भेजा था मैसेज
हालांकि पुलिस मानती है कि इतने गंभीर अपराध को अंजाम देना किसी एक व्यक्ति के बस का नहीं होगा। इसमें और लोग भी शामिल हो सकते हैं। इसलिए बेटी कृति से भी पूछताछ चल रही है। बिहार के चंपारण के रहने वाले 1981 बैच के आइपीएस अधिकारी ओम प्रकाश का बेंगलुरु के पाश इलाके एचएसआर लेआउट में तीन मंजिला घर है। ये भी जानकारी मिली है कि कर्नाटक के दांडेली में एक जमीन से संबंधित विवाद में इस अपराध को अंजाम दिया गया हो सकता है। कुछ महीने पहले पल्लवी ने अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन का रुख भी किया था।
बहन के घर से वापस ले आई थी बेटी
दिवंगत ओम प्रकाश के बेटे कार्तिकेश ने बताया कि रविवार की घटना के बाद उन्होंने पुलिस में अपनी मां और बहन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। चूंकि उनकी मां पल्लवी उनके पिता को कुछ समय से जान से मारने की धमकी दे रही थीं।कार्तिकेश की दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया गया है कि उनके पिता गृह कलेश के कारण अपनी बहन सरिता कुमारी के घर रहने चले गए थे। इसलिए उनकी बहन कृति दो दिन पहले ही उनके पिता को प्रताडि़त करके वापस घर ले आई थी। मां सीजोफ्रेनिया की मरीज हैं और दवाएं लेती हैं जबकि बहन कृति अवसाद की शिकार है।
कार्तिकेश ने बताया कि उन्हें उनके पिता की हत्या के बारे में 20 अप्रैल को शाम पांच बजे पड़ोसी श्रीधरन के फोन काल से पता चला जब वह डोमलुर क्षेत्र में स्थित कर्नाटक गोल्फ एसोसिएशन में थे। जब वह शाम पौने छह बजे घर पहुंचे तो उनके पिता का शव जमीन पर खून में सना पड़ा था। चाकू भी वहीं पास में गिरा था। तब तक पुलिस और दूसरे लोग भी वहां आ गए थे।
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
ओम प्रकाश के शव का पोस्टमार्टम सोमवार को होने के बाद पूरे राजकीय सम्मान के साथ बेंगलुरु के विल्सन गार्डन क्रिमिनेशन ग्राउंड में अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके बेटे कार्तिकेश ने उन्हें मुखाग्नि दी। कर्नाटक के गृह मंत्री परमेश्वरा ने कहा कि उनके कार्यकाल में ही 2015 में ओमप्रकाश डीजीपी रहे और वह बहुत अच्छे व्यक्ति व अफसर थे। उनके साथ यह नहीं होना चाहिए था। हमें यह समझने की जरूरत है कि ऐसा क्यों हुआ। अभी तक हत्या का मकसद नहीं पता चला है।
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