पटना | 26 मई 2025
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में बड़ा राजनीतिक भूचाल तब आया जब पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने बेटे तेज प्रताप यादव को 6 वर्षों के लिए पार्टी से बाहर कर दिया। साथ ही, उन्होंने सार्वजनिक रूप से यह ऐलान भी कर दिया कि वह तेज प्रताप से पारिवारिक रिश्ता खत्म कर रहे हैं। यह फैसला न केवल परिवार बल्कि बिहार की राजनीति में हलचल मचाने वाला रहा।
फेसबुक पोस्ट बना विवाद की जड़
इस विवाद की शुरुआत हुई तेज प्रताप यादव की एक फेसबुक पोस्ट से, जिसमें उन्होंने एक महिला के साथ 12 साल पुराने प्रेम संबंध का खुलासा किया, उन्होंने उस महिला को अपना पहला प्यार बताया, यह पोस्ट कुछ ही घंटों में वायरल हो गई और सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई। हालांकि कुछ देर बाद तेज प्रताप ने पोस्ट डिलीट कर दी और सफाई देते हुए कहा कि उनका अकाउंट हैक हो गया था, लेकिन तब तक पार्टी के अंदर गहमागहमी शुरू हो चुकी थी और यह मामला RJD की शीर्ष बैठक तक पहुंच गया।
लालू यादव ने लिया अब तक का सबसे कड़ा फैसला
लालू यादव ने तेज प्रताप की इस हरकत को पार्टी की छवि और नैतिक मूल्यों के खिलाफ बताया, उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति परिवार की गरिमा नहीं रख सकता, वह पार्टी की गरिमा क्या समझेगा। उन्होंने तेज प्रताप को RJD से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया और पारिवारिक रिश्तों से भी खुद को अलग करने की घोषणा कर दी है लालू के इस कदम को पूरे राजनीतिक हलके में अब तक का सबसे सख्त फैसला माना जा रहा है।
भाई-बहन भी हुए तेज प्रताप के खिलाफ
तेजस्वी यादव और रोहिणी आचार्य ने भी लालू यादव के फैसले का समर्थन किया तेजस्वी ने कहा कि, पार्टी में अनुशासन और मर्यादा से बड़ा कोई नहीं है वहीं, रोहिणी ने ट्वीट कर लिखा, पापा हमारे लिए भगवान हैं जो उनके खिलाफ जाएगा वह हमारे साथ नहीं है। इस बयान से साफ हो गया कि तेज प्रताप अब ना केवल राजनीतिक बल्कि पारिवारिक स्तर पर भी अलग-थलग हो चुके हैं।
पुराना है विवादों से नाता
तेज प्रताप का विवादों से पुराना नाता रहा है वे कई बार अपने अनोखे पहनावे जैसे कृष्ण या शिव के रूप धारण करके और अजीब बयानों के लिए खबरों में रहे हैं 2018 में उनकी शादी और बाद में तलाक को लेकर भी मीडिया में खूब चर्चा रही। कई बार मंच से पार्टी नेताओं को झिड़कना, कार्यक्रमों में अनियंत्रित व्यवहार करना और सोशल मीडिया पर भावनात्मक पोस्ट डालना तेज प्रताप की राजनीति का हिस्सा बन चुका है।
आगे क्या करेंगे तेज प्रताप ?
तेज प्रताप ने अभी तक इस निष्कासन पर खुलकर प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उन्होंने हाल ही में एक बयान में कहा था कि “मुझे तय करना है कि मैं राजनीति में रहूं या धर्म के रास्ते पर चलूं” ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि वह नई पार्टी बना सकते हैं या फिर एक्टिंग और धार्मिक कार्यों की ओर रुख कर सकते हैं।
बिहार की राजनीति पर क्या होगा असर ?
इस विवाद का असर बिहार की राजनीति पर निश्चित रूप से पड़ेगा जहां RJD को इस आंतरिक विवाद से नुकसान हो सकता है, वहीं विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर हमलावर हो रहा है भाजपा और जेडीयू ने इसे नेतृत्व में विघटन बताते हुए तेजस्वी यादव की लीडरशिप पर सवाल खड़े कर दिये हैं।
तेज प्रताप यादव की कहानी एक राजनीतिक उत्तराधिकारी से बागी नेता बनने की है उनका अगला कदम क्या होगा, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन फिलहाल वे अपने ही परिवार और पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुके हैं।
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