हर माह की मासिक शिवरात्रि शिव भक्तों के लिए अत्यंत पुण्यदायी अवसर होती है यह व्रत भगवान शंकर और माता पार्वती को समर्पित है, जिसे कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है इस दिन विशेष पूजा और शिवलिंग पर कुछ खास सामग्रियां अर्पित करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन की रुकावटें दूर होती हैं इस वर्ष ज्येष्ठ मासिक शिवरात्रि का पर्व 25 मई 2025 (शनिवार) को मनाया जाएगा।
मासिक शिवरात्रि का धार्मिक महत्व
शिवपुराण और स्कंदपुराण में उल्लेख है कि मासिक शिवरात्रि पर विधिपूर्वक व्रत और रात्रि जागरण करने से पापों का क्षय होता है, और भक्त को शिवलोक की प्राप्ति होती है यह दिन अकाल मृत्यु से रक्षा, दांपत्य सुख, संतान प्राप्ति और जीवन में स्थायित्व लाने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
व्रत तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त
- चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 25 मई 2025, दोपहर 3:51 बजे
- चतुर्दशी तिथि समाप्त: 26 मई 2025, दोपहर 12:11 बजे
- पूजा का शुभ मुहूर्त: 25 मई की रात 11:58 बजे से 12:38 बजे तक
(भक्तों को कुल 41 मिनट का विशेष पूजन समय मिलेगा )
शिवलिंग पर अर्पित करें ये पवित्र वस्तुएं
- बेल पत्र
शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ाना अत्यंत फलदायी माना जाता है। यह भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है और इससे पितृ दोष और कष्टों की निवृत्ति होती है। - धतूरा
धतूरा चढ़ाने से न केवल शत्रु बाधाएं दूर होती हैं, बल्कि संतान सुख की प्राप्ति भी होती है। - कच्चा दूध व दही
शिवलिंग पर कच्चे दूध व दही से अभिषेक करने से जीवन में सौभाग्य और समृद्धि का आगमन होता है। यह उपाय नकारात्मक ऊर्जा को भी दूर करता है। - गंगाजल और शहद
गंगाजल से अभिषेक करने से आत्मिक शुद्धि होती है और शहद चढ़ाने से वाणी में माधुर्य आता है, जिससे सामाजिक और पारिवारिक संबंध बेहतर होते हैं।
कैसे करें पूजन?
- प्रातःकाल स्नान कर व्रत का संकल्प लें
- भगवान शिव और माता पार्वती की एक साथ पूजा करें
- रात्रि में शिवलिंग पर पंचामृत से अभिषेक करें
- ऊँ नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें
- रातभर जागरण और शिव चालीसा का पाठ करें
ज्येष्ठ मासिक शिवरात्रि केवल व्रत का दिन नहीं, बल्कि शिव से आत्मिक जुड़ाव का अवसर है जो भक्त इस दिन श्रद्धा व विधिपूर्वक पूजा करते हैं, उनके जीवन की कठिनाइयाँ दूर होती हैं और उन्हें शिव कृपा से नवजीवन का अनुभव होता है
ध्यान दें: इस लेख में दी गई जानकारियां धार्मिक ग्रंथों और परंपराओं पर आधारित हैं इनका उद्देश्य श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन देना है किसी भी उपाय को अपनाने से पहले अपनी व्यक्तिगत श्रद्धा और स्थिति को ध्यान में रखें।
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