मृत्यु जीवन का वो सच जिसे कोई टाल नहीं सकता जन्म लेने वाला हर जीव एक दिन इस संसार को छोड़कर चला जाता है लेकिन क्या मृत्यु अचानक होती है या इसका कोई पूर्व संकेत होता है ? हिंदू धर्म के गरुड़ पुराण में इस विषय पर गहराई से चर्चा की गई है इसमें बताया गया है कि मृत्यु से कुछ समय पहले व्यक्ति को कुछ खास अनुभव होते हैं,जो एक साधारण इंसान की समझ से परे होते हैं।
आइए जानते हैं गरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु से पहले आने वाले वो 5 रहस्यमयी संकेत, जिनसे व्यक्ति को अपने अंत का आभास होने लगता है।
1. अपने कर्मों की झलक मिलना
गरुड़ पुराण कहता है कि मृत्यु से पहले व्यक्ति को अपने जीवन में किए गए अच्छे और बुरे कर्मों की स्मृति एक चलचित्र की तरह दिखाई देती है।
- अच्छे कर्म उसे संतोष और शांति देते हैं
- जबकि बुरे कर्म डर, पछतावे और मानसिक अशांति का कारण बनते हैं
ये अनुभव आत्मा की उस यात्रा की तैयारी माने जाते हैं जो शरीर छोड़ने के बाद प्रारंभ होती है।
2. छायाएं और रहस्यमयी आकृतियां दिखना
मृत्यु निकट आने पर व्यक्ति को अक्सर अनजानी परछाइयां दिखाई देने लगती हैं। उसे लगता है कि कोई हर समय उसका पीछा कर रहा है कई बार वह अपनी छाया तक नहीं देख पाता, लेकिन दूसरी रहस्यमयी आकृतियां बार-बार प्रकट होती हैं। कुछ लोग इसे दिव्य चेतावनी मानते हैं, तो कुछ आत्मिक हलचल का संकेत।
3. पूर्वजों और आत्माओं के दर्शन
गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के समीप व्यक्ति को अपने पूर्वजों के दर्शन या उनसे संबंधित सपने आने लगते हैं। ऐसे सपनों में पूर्वज व्यक्ति को बुलाते हैं या सांत्वना देते हैं। यह अनुभव व्यक्ति को धीरे-धीरे सांसारिक मोह से विरक्त करने लगते हैं।
4. मृत्यु के दूतों का अनुभव
मृत्यु निकट होने पर कई लोगों को ऐसा अनुभव होता है कि कोई उन्हें लेने आ रहा है। इसे गरुड़ पुराण में यमदूतों का प्रकट होना कहा गया है।
रात के समय, अकेले में या नींद के दौरान ये अनुभव और भी तीव्र हो जाते हैं, जिससे व्यक्ति के मन में भय और बेचैनी उत्पन्न होती है।
5. बीते हुए समय की वापसी
कुछ लोगों को अपनी मृत्यु से पहले ऐसे अनुभव होते हैं जैसे कोई पुरानी घटना दोबारा घट रही हो उन्हें ऐसा लगता है जैसे वे उन्हीं परिस्थितियों में फिर से जी रहे हैं, जो सालों पहले कभी हुई थीं यह अनुभव एक प्रकार की आत्मिक पुनरावृत्ति है, जो जीवन के पूर्ण होने का संकेत देती है।
मृत्यु के बाद मोक्ष की ओर यात्रा
गरुड़ पुराण में यह भी बताया गया है कि मृत्यु के बाद आत्मा की यात्रा पुनर्जन्म या मोक्ष की दिशा में जाती है। मोक्ष प्राप्त करने के लिए आवश्यक है कि व्यक्ति
- पुण्य कर्म करे
- सच्ची भक्ति और ध्यान में जीवन व्यतीत करे
- दूसरों की मदद करे और दयाभाव अपनाए
- आसक्ति और अहंकार से दूर रहे
- ईश्वर के प्रति समर्पण और नियमित प्रार्थना करे
दान, तीर्थयात्रा, वेदपाठ और सत्य बोलना भी आत्मा को शुद्ध करते हैं और मोक्ष की दिशा में ले जाते हैं।
गरुड़ पुराण एक ऐसा ग्रंथ है जो मृत्यु को अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत मानता है मृत्यु से पहले जो अनुभव होते हैं, वे आत्मा को उसकी अगली यात्रा के लिए तैयार करते हैं अगर हम अपने जीवन को अच्छे कर्मों, सच्ची भक्ति और मानव सेवा के साथ जीएं, तो न सिर्फ मृत्यु सरल होती है, बल्कि आत्मा भी शांति की ओर अग्रसर होती है|
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