मुंबई – अभिनय, राजनीति और निजी किस्सों से भरपूर सफर तय कर चुके दिग्गज अभिनेता परेश रावल आज 70 वर्ष के हो गए हैं। ‘हेरा फेरी’ में बाबूराव गणपतराव आपटे के किरदार ने उन्हें अपार लोकप्रियता दिलाई, लेकिन आज वही किरदार उन्हें एक जंजीर की तरह महसूस होता है उन्होंने हाल ही में स्वीकार किया कि इस एक छवि ने उनके अन्य किरदारों को कहीं न कहीं ढक दिया।
थिएटर से फिल्म तक का सफर
परेश रावल ने कॉलेज के दिनों से ही थिएटर की दुनिया में कदम रख दिया था। एक मिडिल क्लास गुजराती परिवार से आने वाले परेश के पिता व्यवसायी थे, लेकिन उन्होंने बेटे के क्रिएटिव रुझान में कभी बाधा नहीं डाली थिएटर करते-करते ही उनकी मुलाकात स्वरूप संपत से हुई, जो आगे चलकर उनकी जीवनसंगिनी बनीं।
लव स्टोरी: स्टेज से शादी तक
स्वरूप संपत, जो मिस इंडिया रह चुकी हैं, पहली बार परेश को एक नाटक में परफॉर्म करते देख फैन बन गई थीं वहीं से शुरू हुई दोस्ती जल्द ही प्यार में बदल गई रिश्ते को गोपनीय रखने के लिए दोनों ने मुंबई के एक मंदिर में चुपचाप सात फेरे लिए एक पेड़ के नीचे, बिना किसी तामझाम के।
बैंक की नौकरी और जेब खर्च के लिए गर्लफ्रेंड से पैसे
थिएटर से करियर शुरू करने वाले परेश ने कुछ समय बैंक ऑफ बड़ौदा में नौकरी भी की, लेकिन जुनून ने उन्हें ज्यादा देर नहीं रोका नौकरी छोड़ने के बाद आर्थिक तंगी में उन्होंने जेब खर्च के लिए स्वरूप से पैसे भी लिए खुद उन्होंने यह किस्सा एक टॉक शो में साझा किया।
‘हेरा फेरी’ का बाबूराव: वरदान या अभिशाप ?
बाबूराव का किरदार इतना हिट हुआ कि आज तक उसके डायलॉग्स और अंदाज दर्शकों के बीच ज़िंदा हैं लेकिन परेश मानते हैं कि यह किरदार उनके लिए एक टाइपकास्ट का कारण बन गया। वे कई बार अलग-अलग निर्देशकों से गुजारिश कर चुके हैं कि बाबूराव की छवि में कोई नई, अलग कहानी बनाई जाए, लेकिन कोई तैयार नहीं हुआ।
मुन्ना भाई एमबीबीएस से जुड़ा किस्सा
बहुत कम लोग जानते हैं कि मुन्ना भाई एमबीबीएस में डॉक्टर अस्थाना का किरदार पहले परेश रावल को ऑफर हुआ था, लेकिन फीस को लेकर बात नहीं बनी परेश ने बताया कि मुद्दा पैसे का नहीं, बल्कि व्यवहार का था अगर विनम्रता से बात होती तो वो यह फिल्म मुफ्त में भी कर लेते।
यूरिन थेरेपी से चौंकाने वाली रिकवरी
फिल्म घातक की शूटिंग के दौरान घुटने में चोट लगने पर परेश ने नाना वटी अस्पताल में इलाज कराया। एक मुलाकात में वीरू देवगन ने उन्हें सुबह का पहला पेशाब पीने की सलाह दी जिसे उन्होंने फॉलो भी किया। उन्होंने बीयर की तरह सिप कर-कर के 15 दिनों तक यह थेरेपी अपनाई और X-ray रिपोर्ट में सुधार देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए।
राजनीति की पिच पर भी सफल इनिंग
परेश रावल ने 2014 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर अहमदाबाद ईस्ट से लोकसभा चुनाव जीतकर राजनीति में कदम रखा उन्होंने अपने सांसद कार्यकाल में सरकारी बंगला लेने से भी इनकार कर दिया कहा, ऐसी ऐशोआराम की आदत लग जाए तो दोबारा चुनाव लड़ने का मन नहीं करेगा।
साफगोई से भरा नजरिया
नसीरुद्दीन शाह, आमिर खान या शाहरुख खान के सरकार पर आलोचनात्मक बयान को लेकर परेश रावल कहते हैं कि हर किसी को राय रखने का अधिकार है, और उनके इन साथियों का कोई छिपा हुआ एजेंडा नहीं है नसीर को वे आज भी अपना आदर्श मानते हैं|
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