किशमिश एक ऐसा ड्राय फ्रूट है जो स्वाद में मीठा जरूर होता है, लेकिन इसमें कई हेल्थ बेनिफिट्स भी छिपे होते हैं। अक्सर लोग इसे सूखा, भिगोकर या पानी के साथ सेवन करते हैं। मगर सवाल यह उठता है कि डायबिटीज के मरीज किशमिश खा सकते हैं या नहीं ? डायबिटीज़ यानी मधुमेह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखना बेहद जरूरी होता है ऐसे में जो भी चीजें नैचुरली मीठी हों, उनके सेवन को लेकर असमंजस बना रहता है। किशमिश उन्हीं में से एक है।
किशमिश में क्या होता है खास ?
किशमिश असल में सूखे अंगूर होते हैं, जिनमें नैचुरल शुगर और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा इसमें मौजूद पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, आयरन, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद होते हैं।
क्या डायबिटिक पेशेंट्स किशमिश खा सकते हैं ?
सीधा जवाब है हां, लेकिन सीमित मात्रा में और डॉक्टर की सलाह से किशमिश में मौजूद फ्रुक्टोज़ (प्राकृतिक शुगर) डायबिटिक रोगियों के ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है अगर इसका ज्यादा मात्रा में सेवन किया जाए। इसलिए अगर आप डायबिटीज से पीड़ित हैं तो किशमिश का सेवन दिन में सीमित मात्रा में (जैसे 5–7 किशमिश) और भिगोकर किया जाए तो यह बेहतर विकल्प हो सकता है भिगोई गई किशमिश पचने में आसान होती है और ब्लड शुगर को अचानक spike नहीं करती।
डायबिटिक मरीजों के लिए किशमिश के संभावित फायदे
- आयरन और एनीमिया से बचाव
– किशमिश में मौजूद आयरन शरीर में रेड ब्लड सेल्स बढ़ाने में सहायक होता है। - दिल के लिए फायदेमंद
– इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने और ब्लड प्रेशर को संतुलित करने में मदद करते हैं। - हड्डियों को मजबूती
– कैल्शियम और बोरॉन जैसे तत्व हड्डियों को मजबूत बनाते हैं, जो खासकर उम्रदराज लोगों के लिए जरूरी है। - स्किन और बालों के लिए लाभकारी
– किशमिश में विटामिन C और अन्य एंटी-एजिंग गुण होते हैं, जो त्वचा को ग्लोइंग और बालों को मजबूत बना सकते हैं।
जरूरी सावधानी
- किशमिश मीठा जरूर है, लेकिन इसमें चीनी नहीं है। इसके बावजूद डायबिटिक पेशेंट्स को इसे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए।
- खाली पेट या भारी मात्रा में सेवन करने से बचें।
- अपने डायट प्लान और ब्लड शुगर मॉनिटरिंग के अनुसार ही किशमिश को शामिल करें।
किशमिश एक हेल्दी विकल्प हो सकता है यदि इसे सही मात्रा में और समझदारी से खाया जाए। डायबिटीज के मरीजों को अपने खानपान के हर विकल्प को सावधानी से चुनना चाहिए और बिना डॉक्टर की सलाह के कोई नया फूड आइटम डायट में न जोड़ें।
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