नई दिल्ली।
थायरॉयड की समस्या आजकल काफी आम हो चुकी है, खासतौर पर महिलाओं में। हार्मोनल असंतुलन, तनाव, और बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल इसकी बड़ी वजह बनती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोज़ाना सुबह खाली पेट एक खास ड्राय फ्रूट का सेवन इस समस्या से राहत दिला सकता है पोषण विशेषज्ञ दीपशिखा जैन के अनुसार, किशमिश यानी सूखी अंगूर न केवल स्वाद में मीठी होती हैं, बल्कि थायरॉयड को नियंत्रित रखने में भी कारगर मानी जाती हैं।
थायरॉयड क्या है और इससे क्या होता है असर
थायरॉयड एक छोटी सी ग्रंथि है जो गले के निचले भाग में होती है और यह शरीर के मेटाबॉलिक सिस्टम से लेकर हृदय गति और मानसिक स्थिरता तक कई महत्वपूर्ण कार्यों को रेगुलेट करने वाले हार्मोन का निर्माण करती है। जब इनका संतुलन बिगड़ता है तो व्यक्ति को हाइपोथायरॉयडिज्म या हाइपरथायरॉयडिज्म जैसी समस्याएं घेर लेती हैं, जिनमें थकान, वजन बढ़ना, बाल झड़ना और मूड स्विंग्स जैसे लक्षण दिखते हैं।
न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह: क्यों फायदेमंद है किशमिश
दीपशिखा जैन बताती हैं कि किशमिश में कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो थायरॉयड ग्रंथि के सही तरीके से काम करने में मदद करते हैं
- आयोडीन: थायरॉयड हार्मोन के निर्माण के लिए जरूरी है। किशमिश में प्राकृतिक रूप से आयोडीन मौजूद होता है।
- पॉलीफेनोल्स और एंटीऑक्सिडेंट्स: ये शरीर में सूजन को कम करने और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाने में मदद करते हैं, जिससे हार्मोन का संतुलन बना रहता है।
- TSH नियंत्रण: किशमिश का नियमित सेवन थायरॉयड स्टिमुलेटिंग हार्मोन (TSH) के स्तर को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है।
कैसे करें सेवन
विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर आप रात में किशमिश को पानी में भिगोकर रखें और सुबह खाली पेट उनका सेवन करें, तो थायरॉयड मरीजों को इसका खास फायदा मिल सकता है। इससे पोषण तेजी से अवशोषित होता है और पाचन क्रिया को भी राहत मिलती है।
क्या रखें सावधानियां
हालांकि किशमिश से लाभ मिल सकता है, लेकिन यह इलाज का विकल्प नहीं है। थायरॉयड से पीड़ित व्यक्ति को हमेशा डॉक्टर की निगरानी में रहना चाहिए और किसी भी घरेलू उपाय को अपनाने से पहले विशेषज्ञ की राय जरूर लेनी चाहिए।
नोट: यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी प्रकार की चिकित्सकीय स्थिति के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
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