नई दिल्ली।
मानसून का मौसम जहां ठंडक और सुकून लेकर आता है, वहीं इस दौरान बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। खासकर फूड प्वाइजनिंग, डायरिया, टायफाइड और हैजा जैसी समस्याएं इस समय आम हो जाती हैं। वजह है इस मौसम में हवा में बढ़ी नमी, जो बैक्टीरिया और फंगस के तेजी से पनपने के लिए अनुकूल माहौल तैयार करती है।
इसलिए ज़रूरी हो जाता है कि हम इस मौसम में डाइट को लेकर सतर्कता बरतें। क्या खाएं, क्या नहीं यह जानना सेहत को दुरुस्त रखने के लिए बेहद अहम है।
मानसून में क्यों होता है फूड प्वाइजनिंग का खतरा
फूड प्वाइजनिंग एक सामान्य लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो आमतौर पर दूषित, अधपके या संक्रमित खाने के कारण होती है। इसमें उल्टी, दस्त, पेट दर्द, बुखार, कमजोरी और पानी की कमी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। मानसून में तापमान और नमी का मेल बैक्टीरिया के लिए अनुकूल होता है, जिससे खाना जल्दी खराब हो सकता है खासकर अगर वह खुले में रखा गया हो या साफ-सफाई का ध्यान न रखा गया हो।
एक्सपर्ट की सलाह: किन चीज़ों से बचें ?
सर गंगा राम हॉस्पिटल की सीनियर डाइटिशियन फारेहा शानम के अनुसार, “मानसून के दौरान बाहर का खाना और बिना पका हुआ या कटे फल-सब्ज़ियां खाने से बचना चाहिए। जो चीजें आप पकाकर नहीं खा रहे जैसे कटे फल या कच्चे सलाद वे आसानी से संक्रमित हो सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मानसून में स्ट्रीट फूड खासकर पानी वाली चीजें जैसे गोलगप्पे, पुदीना पानी, जूस आदि से दूरी बनाना बेहतर है, क्योंकि इनमें संक्रमण की आशंका सबसे अधिक रहती है।
मानसून में नॉनवेज और फास्ट फूड से दूरी
डाइटिशियन के अनुसार, मानसून में नॉनवेज आइटम्स को भी कम से कम खाएं क्योंकि इनमें जल्दी बैक्टीरिया पनप सकता है। साथ ही तेल-मसाले वाले भारी भोजन से भी बचना चाहिए। फारेहा शानम की सलाह है कि इस मौसम में घर का बना, हल्का और आसानी से पचने वाला खाना सबसे उपयुक्त होता है।
अगर फूड प्वाइजनिंग हो जाए तो क्या करें
अगर फूड प्वाइजनिंग के लक्षण जैसे उल्टी, दस्त या पेट दर्द दिखें तो सबसे पहले शरीर को हाइड्रेटेड रखना जरूरी है। इसके लिए
- ORS सॉल्यूशन या इलेक्ट्रोलाइट पानी लें
- नारियल पानी, नींबू पानी जैसे लिक्विड्स पीते रहें
- कम फाइबर और कम फैट वाला खाना खाएं जैसे उबला चावल, केला, उबला आलू या ओट्स
- तला-भुना और मसालेदार खाना पूरी तरह अवॉयड करें
यदि लक्षण गंभीर हों या 24 घंटे से अधिक समय तक बने रहें तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
सावधानी ही बचाव
मानसून का मौसम जितना रोमांटिक होता है, उतना ही संवेदनशील भी। थोड़ी सी लापरवाही आपकी सेहत पर भारी पड़ सकती है। ऐसे में जरूरी है कि आप मौसम के हिसाब से अपनी डाइट और आदतों को थोड़ा मॉडिफाई करें ताकि आप मौसम का आनंद भी उठा सकें और बीमारियों से भी दूर रहें।
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