इंदौर |
मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर अब मेट्रो सिटी के रूप में एक नया अध्याय लिख चुकी है शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से इंदौर और भोपाल मेट्रो रेल सेवाओं का शुभारंभ किया। इस ऐतिहासिक क्षण में इंदौर की महिलाओं ने हाथों में तिरंगा लिए मेट्रो के पहले सफर की शुरुआत की, जो देश के महिला सशक्तिकरण और स्वावलंबन का एक मजबूत प्रतीक बना।
6 किलोमीटर लंबे रूट पर शुरू हुई मेट्रो सेवा
इंदौर मेट्रो का उद्घाटन येलो लाइन के सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर के तहत किया गया, जो फिलहाल 6 किलोमीटर के दायरे में सेवाएं देगा। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत लगभग ₹1520 करोड़ बताई गई है। मेट्रो कॉरिडोर को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि आने वाले वर्षों में यह शहर की बढ़ती यातायात समस्या का समाधान बन सके और प्रदूषण में भी कमी आए।
वीरांगनाओं के नाम पर स्टेशन: एक नई परंपरा की शुरुआत
इंदौर मेट्रो के स्टेशनों को पारंपरिक नामों से हटकर देश की वीरांगनाओं के नामों से जोड़ा गया है, जो एक साहसी और प्रेरणादायक पहल है प्रमुख स्टेशनों के नाम इस प्रकार हैं:
- महारानी लक्ष्मीबाई स्टेशन
- रानी दुर्गावती स्टेशन
- रानी अवंतीबाई लोधी स्टेशन
- वीरांगना झलकारीबाई स्टेशन
- टर्मिनल स्टेशन – देवी अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर
इस पहल का उद्देश्य युवाओं को देश की महान नारियों के इतिहास से जोड़ना और उनके योगदान को याद रखना है।
पहले हफ्ते फ्री यात्रा, इसके बाद न्यूनतम ₹20 में सफर
इंदौर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने जानकारी दी है कि उद्घाटन सप्ताह में सभी यात्राएं नि:शुल्क रहेंगी। इसके बाद, दो स्टेशनों के बीच की यात्रा का किराया ₹20 और उससे अधिक दूरी के लिए ₹30 निर्धारित किया गया है। मेट्रो सेवाएं सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक उपलब्ध रहेंगी और हर 30 मिनट में ट्रेन चलाई जाएगी।
एआई तकनीक से लैस हैं मेट्रो कोच
इंदौर मेट्रो में सुरक्षा और स्मार्ट मॉनिटरिंग के लिहाज से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का प्रयोग किया गया है फिलहाल 14 कोच इंदौर पहुंच चुके हैं, जबकि कुल 75 कोच संचालन में लाने की योजना है। ये कोच आपत्तिजनक वस्तु की पहचान, स्वचालित ब्रेक सिस्टम और ट्रैक पर खतरा भांपने की क्षमता जैसी सुविधाओं से लैस हैं पहला कोच अगस्त 2023 में वडोदरा से सड़क मार्ग के जरिए लाया गया था।
शहर के लिए नया युग, यातायात को मिलेगा राहत
इंदौर मेट्रो का शुभारंभ न केवल एक तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि यह शहर के यातायात प्रबंधन और पर्यावरणीय सुधार की दिशा में बड़ा कदम भी है। इसके जरिए न केवल दैनिक यात्रियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।
स्थानीय लोगों में उत्साह
मेट्रो में पहली बार सफर करने वाली महिलाओं ने इसे गर्व और आत्मनिर्भरता का अनुभव बताया। तिरंगे के साथ उनकी उपस्थिति इस उद्घाटन को एक ऐतिहासिक जनभागीदारी में तब्दील कर गई।
इंदौर अब उन चुनिंदा शहरों की सूची में शामिल हो गया है जहां मेट्रो रेल सेवाएं उपलब्ध हैं। महिला सशक्तिकरण, तकनीकी नवाचार और ऐतिहासिक गौरव के संगम के साथ इंदौर मेट्रो न केवल एक परिवहन सेवा है, बल्कि यह शहर की बदलती पहचान और भविष्य की झलक भी है।
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