डिजिटल डेस्क, जबलपुर।
शहर में लंबे समय से मिल रही शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने शराब की दुकानों में एमआरपी से अधिक दरों पर बिक्री की जांच करवाई, और नतीजे चौंकाने वाले निकले। कलेक्टर के निर्देश पर बनी टीमों ने ग्राहक बनकर शराब दुकानों का निरीक्षण किया, जिसमें सामने आया कि कई जगहों पर 20 से लेकर 100 रुपये तक अतिरिक्त राशि वसूली जा रही है।
कैसे हुआ खुलासा: प्रशासन ने अपनाई रणनीतिक चाल
शिकायतों को नजरअंदाज करने के बजाय, प्रशासन ने ठोस रणनीति अपनाई राजस्व निरीक्षक (RI) और पटवारियों की टीमों को अलग-अलग दुकानों पर सामान्य ग्राहकों के रूप में भेजा गया, इन अधिकारियों ने शराब की खरीददारी ऑनलाइन पेमेंट के ज़रिए की, जिससे सबूत पुख्ता रूप से दर्ज हो सके। इन टीमों ने विभिन्न ब्रांड्स की शराब और बीयर की बोतलें खरीदीं और जांच में पाया कि लगभग हर दुकान पर निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत वसूली जा रही थी।
जांच के दौरान सामने आए उदाहरण
- रानीताल क्षेत्र: भाजपा कार्यालय के सामने स्थित दुकान पर सिमरन (180ml) और मैजिक मोमेंट (375ml) पर निर्धारित मूल्य से क्रमशः 60 और 20 रुपये ज्यादा लिए गए।
- चंडाल भाठा: यहां एक दुकान पर 20 रुपये प्रति बोतल अतिरिक्त वसूली का मामला सामने आया।
- दमोह नाका बस स्टैंड: बैगपाइपर और 8PM की बिक्री में 50 और 20 रुपये की अधिक कीमत वसूली गई।
- विजयनगर, बलदेव बाग, और चेरीताल: इन क्षेत्रों में भी 60 से 100 रुपये तक की अतिरिक्त राशि ली गई।
बीयर में भी अनियमितता, किंगफिशर से हैवर्ड्स तक महंगी
टीमों ने बीयर की कीमतों की भी जांच की, जहां किंगफिशर, हंटर, मैजिक मोमेंट, हैवर्ड्स 5000 जैसी लोकप्रिय ब्रांड्स पर भी 20 से 60 रुपये तक अतिरिक्त कीमत वसूली जा रही थी। ग्राहक जब शराब या बीयर की बोतल खरीदने पहुंचे, तो उनसे सीधे MRP से ऊपर की राशि ली गई।
जिन दुकानों पर की गई छापेमारी
- रानीताल ईदगाह, चंडाल भाठा, दमोह नाका, चेरीताल, कटंगी बाईपास, गांधी व्यायामशाला रांझी, बड़ा पत्थर, सदर, ओमती, दीनदयाल चौक, और डीमार्ट के सामने स्थित दुकानें जांच के दायरे में आईं।
प्रत्येक स्थान पर टीम ने ऑनलाइन पेमेंट की रसीदें, MRP की तुलना और ग्राहकों से लिए गए एक्स्ट्रा चार्ज का रिकॉर्ड तैयार किया।
अधिनियम के तहत होगी सख्त कार्रवाई
पूरे मामले पर तैयार की गई विस्तृत रिपोर्ट एसडीएम को सौंपी गई है। प्रशासन ने सिफारिश की है कि इन दुकानदारों के खिलाफ मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाए इस पूरे ऑपरेशन के पीछे कलेक्टर की यह मंशा साफ दिखाई देती है कि ग्राहकों को ठगने वाले व्यापारियों के खिलाफ अब कोई ढील नहीं बरती जाएगी।
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