भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक सब-इंस्पेक्टर के विवादित बयान ने नया बवाल खड़ा कर दिया है मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भेदभावपूर्ण टिप्पणी करने वाले SI दिनेश शर्मा को अब विभागीय कार्रवाई के तहत लाइन अटैच कर दिया गया है। मामला एक वायरल वीडियो से जुड़ा है, जिसमें SI जिम संचालकों को निर्देश देते दिखाई दे रहे हैं कि कोई भी मुस्लिम युवक न तो ट्रेनिंग दे और न ही ले।
इस घटना के बाद बजरंग दल के कार्यकर्ता भी एक्शन में आ गए हैं। उन्होंने सोमवार, 2 जून को अयोध्या नगर और मिनाल इलाकों के जिमों पर दबिश दी और वहां मौजूद रजिस्ट्रेशन रिकॉर्ड चेक किए। उनका आरोप है कि जिम में मुस्लिम ट्रेनर, हिंदू युवतियों के साथ पर्सनल ट्रेनिंग के बहाने नजदीकियां बढ़ाते हैं और फिर कथित तौर पर लव जिहाद को अंजाम देते हैं।
क्या कहा था SI दिनेश शर्मा ने ?
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में SI दिनेश शर्मा स्पष्ट रूप से कहते नजर आते हैं कि जिम में मुस्लिमों की एंट्री नहीं होनी चाहिए न ट्रेनर के तौर पर और न ही मेंबर के रूप में। यह बयान उन्होंने स्थानीय जिम संचालकों से बातचीत के दौरान दिया था। इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर काफी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। हालांकि, भोपाल सांसद और बीजेपी नेता आलोक शर्मा ने SI का बचाव करते हुए कहा था कि, हम ऐसे जिम की सूची बना रहे हैं, जहां मुस्लिम युवक ट्रेनिंग देते हैं यह सूची पुलिस को दी जाएगी और कानून के दायरे में कार्रवाई होगी।
विवाद की जड़ क्या है ?
रिपोर्टों के अनुसार, मामला इंदौर में शूटिंग अकादमी चलाने वाले मोहसिन खान की गिरफ्तारी के बाद तूल पकड़ा। मोहसिन पर हिंदू युवतियों के यौन उत्पीड़न और धोखे से संबंध बनाने के गंभीर आरोप लगे थे। इसके बाद इंदौर के एक मुस्लिम जिम ट्रेनर पर भी शादीशुदा महिला से अवैध संबंध बनाने और पहचान छिपाकर युवती से दोस्ती करने का केस दर्ज हुआ।
इन्हीं घटनाओं के बाद बजरंग दल ने भोपाल में सक्रियता बढ़ाई और मुस्लिम युवकों की भूमिका पर सवाल उठाने शुरू किए। इसी क्रम में अयोध्या नगर इलाके के एक जिम में पहुंचे बजरंग दल के सदस्यों ने विरोध जताया और मामला बढ़ने पर पुलिस बुलानी पड़ी।
पुलिस महकमा हरकत में
SI का वीडियो वायरल होने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने संज्ञान लिया और उनके खिलाफ आंतरिक जांच शुरू कर दी गई है। शुरुआती कार्रवाई में उन्हें लाइन अटैच कर दिया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पूरे मामले की विवेचना उच्च स्तर पर जारी है और निष्कर्ष के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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