मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में डॉ. बालेंद्र द्विवेदी की पत्नी पूजा द्विवेदी के साथ नवंबर 2024 में 6 लाख की साइबर ठगी हुई थी। पुलिस अपराधियों तक पहुंची, तो एक बार फिर खुलासा हुआ कि किस तरह ठगी की रकम खपाने और खातों को कमिशन पर देने का खेल चल रहा है।
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल: राजधानी के एक डॉक्टर की पत्नी से हुई साइबर ठगी के मामले में भोपाल साइबर सेल पुलिस ने खाता बेचने वाले दो आरोपियों को गुजरात और राजस्थान से गिरफ्तार किया है। आरोपियों में से एक ने अपना बैंक खाता 10 हजार रुपये में एजेंट को बेचा था, जबकि दूसरा खाता धारक ठगी के रुपये आने पर कमीशन लेता था और बाकी की राशि एजेंटों के जरिए साइबर ठगों को पहुंचाता था।
भोपाल की टीम सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने गई थी, लेकिन खाते खरीदने वाले एजेंटों को पुलिस के पहुंचने की सूचना मिली तो वे फरार हो गए। पुलिस ने दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया है, जबकि एजेंट और मुख्य अपराधी की तलाश जारी है।
ऐसे हुई थी 6 लाख की ठगी
- एसआई अंकित नायक के अनुसार, बावड़िया कलां निवासी डॉक्टर बालेंद्र द्विवेदी की पत्नी पूजा द्विवेदी ने नवंबर 2024 में साइबर ठगी की शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि टेलीग्राम पर उन्हें ठगों का मैसेज आया था।
- उन्हें ऑनलाइन टास्क पूरा करने पर रुपयों का लालच दिया गया था। टास्क के जरिए वह लगातार निवेश करती गईं और रुपये वापस नहीं मिले। इस प्रकार उनसे करीब छह लाख रुपये की ठगी हुई थी।
चैक से राशि निकाली, कमीशन काटकर पहुंचाई
शिकायत पर प्रकरण दर्ज करते हुए पुलिस ने रुपये प्राप्त करने वाले बैंक खातों की जांच की तो वे अहमदाबाद के चमनपुरा में रहने वाले 32 वर्षीय अहमदाबादी कनकभाई व राजस्थान के श्रीडूंगरगढ़ में रहने वाले 22 वर्षीय हंसराज गोदारा के नाम पर थे।
पुलिस ने दोनों को पकड़ा तो अहमदाबादी ने बताया कि वह एक सिलाई कंपनी में मजदूरी करता है। उसे दस हजार का लालच देकर एक व्यक्ति ने बैंक खाता खरीद लिया था। जबकि हंसराज के अनुसार दूसरे गांव में रहने वाले एक परिचित को उसने खाते का एक्सिस दिया था। ठगी की राशि बैंक में आने पर वह चैक से रुपये निकालकर अपना कमीशन काट लेता था और बाकि रुपये उसे देता था।
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