डिजिटल डेस्क, पटना।
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के भीतर उथल-पुथल के बीच एक बार फिर लालू परिवार में खुशियों की बहार लौटी है नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दूसरी बार पिता बने हैं। कोलकाता के एक अस्पताल में उनकी पत्नी राजश्री यादव ने एक बेटे को जन्म दिया है यह जानकारी सामने आते ही न केवल परिवार, बल्कि सोशल मीडिया पर भी बधाइयों का सिलसिला शुरू हो गया। लेकिन इस बीच जो सबसे चौंकाने वाला पल था, वह था तेज प्रताप यादव की चुप्पी का टूटना, जिन्होंने पार्टी और परिवार से निष्कासित किए जाने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया दी।
तेज प्रताप का भावुक संदेश: “भतीजे को स्नेह और आशीर्वाद”
लंबे समय से सार्वजनिक मंचों से दूर चल रहे तेज प्रताप यादव ने अपने छोटे भाई को पिता बनने की शुभकामना दी। उन्होंने X पर एक पोस्ट के जरिए लिखा,
“श्री बांके बिहारी जी की कृपा से परिवार में पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है। मुझे बड़े पापा बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। छोटे भाई तेजस्वी प्रसाद यादव और भाभी राजश्री को इस आनंददायक अवसर पर मेरी हार्दिक बधाई। नवजात को मेरा स्नेहिल आशीर्वाद।” यह संदेश ऐसे समय में आया है जब तेज प्रताप, परिवार और पार्टी दोनों से निष्कासित हैं फिर भी, इस पारिवारिक खुशी में उनका प्यार झलकता नजर आया।
विवादों से घिरे तेज प्रताप, लेकिन भाई की खुशी में शामिल
हाल ही में तेज प्रताप उस समय फिर चर्चा में आ गए थे जब उनके फेसबुक अकाउंट से एक विवादास्पद पोस्ट सामने आई, जिसमें दावा किया गया कि वह पिछले 12 वर्षों से किसी युवती के साथ रिश्ते में हैं बवाल मचने के बाद उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा कि उनका अकाउंट हैक कर लिया गया है और यह सब उनकी छवि और परिवार को बदनाम करने की साजिश है।
आरजेडी से बाहर, फिर भी भावनात्मक रूप से जुड़े
इस विवाद के तुरंत बाद, लालू प्रसाद यादव ने तेज प्रताप को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इतना ही नहीं, पारिवारिक मंचों से भी उन्हें किनारा कर दिया गया था तेज प्रताप तब से सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए हैं, और उनकी लोकेशन को लेकर भी कोई पक्की जानकारी नहीं है मगर, मंगलवार को तेजस्वी के पिता बनने की खबर आने के बाद तेज प्रताप ने अपनी चुप्पी तोड़ी और रिश्ते का फर्ज निभाया।
राजनीतिक हलचल के बीच पारिवारिक सुकून
2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों से पहले लालू परिवार की यह पारिवारिक घटना निश्चित रूप से भावनात्मक रूप से असर डाल सकती है। एक ओर जहां पार्टी में तेजस्वी की नेतृत्व क्षमता को लेकर बात हो रही है, वहीं तेज प्रताप का यह प्रेम और सार्वजनिक बयान, संकेत देता है कि मतभेद चाहे जितने गहरे हों, पारिवारिक रिश्तों की नींव अब भी बनी हुई है।
तेजस्वी यादव के पिता बनने की खबर ने राजनीतिक और पारिवारिक दोनों मोर्चों पर हलचल मचा दी है। लेकिन जो सबसे बड़ा संदेश सामने आया, वो यह कि रिश्तों की डोर कभी पूरी तरह नहीं टूटती खासकर जब बात भाईचारे और पारिवारिक प्यार की हो।
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